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श्रद्धा के साथ मनाई गई संत रविदास जयंती।





उमरिया।संत रविदास जी की जंयती जिला मुख्यालय उमरिया सहित तीनों जनपद पंचायतों में मनाई गई, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम का एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के उद् बोधन का लाइव प्रसारण देखा एवं सुना गया। प्रदेश शासन की जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने भोपाल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की,जिला मुख्यालय उमरिया में सामुदायिक भवन में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर महंत धनपत जी द्वारा संत रविदास जी की आरती की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री एवं शहडोल संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद ज्ञान सिंह रहे। इस अवसर पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ईला तिवारी , चंदिया से आये महंत धनपत जी, जनप्रतिनिधि दिलीप पाण्डे, विष्णु भारती, राजेंद्र कोल, दीपू छत्तवानी, रामाधार चौधरी, सुरेश चौधरी, शंभू चौधरी, अमित ंिसंह, पुष्पेंद्र ंिसह चंदेल, पारस खटिक, जिला समन्वयक ग्रामीण आजीविका मिशन प्रमोद शुक्ला, कामना त्रिपाठी, उप संचालक कृषि खेलावन डेहरिया, सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग आंनद राय सिन्हां, श्रवण चर्तुवेदी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एस के गढ़पाले सहित अन्य जिला अधिकारी उपस्थित रहे,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्ञान सिंह ने कहा कि संत सिरोमणि रविदास जी के उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेगे। उन्होंने समाज को एक सूत्र में पिरोने, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने तथा सबकी भलाई का पाठ सिखाया। भगवान की भक्ति, अपनी मेहनत की कमाई का उपयोग तथा समाज एवं गरीबों की मदद उनके जीवन का लक्ष्य रहा। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी अन्त्योदय के लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं। संत रविदास ने ऊँच-नीच की भावना और ईश्वर की भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन और निरर्थक बताया है और सबको परस्पर मिल-जुलकर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया है। रैदास जी स्वयं मधुर तथा भक्तिपूर्ण भजनों की रचना करते थे और उन्हें भाव-विभोर होकर सुनाते थे। उनका विश्वास था कि राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम हैं। वेद-कुरान, पुराण आदि ग्रंथों में एक ही परमेश्वर का गुणगान किया गया है,कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विष्णु भारती ने कहा कि संत रविदास जी की महिमा को देख कई राजा और रानियाँ भी उनकी शरण में आकर भक्ति मार्ग से जुड़े। उन्होंने जीवन-भर समाज में फैली कुरीतियों जैसे जात-पात के अंत के लिये काम किया। संत रविदास जी के भक्त उन्हें सतगुरु-जगतगुरु आदि नामों से पुकारते हैं। मीराबाई भी संत रविदास से बहुत प्रभावित थीं,एस एल वर्मा रिटायर्ड शिक्षक ने कहा कि गुरु रविदास (रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा के दिन रविवार को संवत् 1433 को हुआ था। उनके जन्म के बारे में एक दोहा प्रचलित है- चौदह से तैंतीस की माघ सुधी पन्दरास, दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री रविदास। संत रविदास के पिता का नाम रघु और माता का नाम धुरविनिया था। संत रविदास जी जूते बनाने का काम करते थे और अपना काम पूरी लगन और परिश्रम से करते थे। संत रविदास ने स्वामी रामानंद को कबीर साहिब के कहने पर गुरु बनाया था, जबकि उनके वास्तविक आध्यात्मिक गुरु कबीर साहिब ही थे। कार्यक्रम का संचालन एपीसी सुशील मिश्रा ने किया। 

गीत, संगीत ने बांधा समां

कार्यक्रम के दौरान भजिया भोरसा जिला कटनी से आये पुरूर्षोत्तम चौधरी एवं उनकी टीम के द्वारा संत रविदास जी के जीवन का परिचय दोहे के माध्यम से दिया गया। इसके साथ ही अन्य गीत की प्रस्तुति भी दी गई। इसी तरह सोहन चौधरी एवं उनके गु्रप के द्वारा गीतो की प्रस्तुति दी गई, जिसकी उपस्थित जन समुदाय ने सराहना की। 

समाजसेवियों को सम्मानित करते हुए हितलाभ का किया गया वितरण 


कार्यक्रम मे मुख्य अतिथियों द्वारा समाज मे अच्छा कार्य करने वाले व्यक्तियो को सम्मानित किया गया जिसमें सीएल वर्मा, शंकर लाल चौधरी, बिहारी दास चौधरी, अरविंद, पुरूर्षोत्तम भारती भजन गायक, लखन लाल कबीर पंथी, चरण दास, शैलेंद्र कबीर पंथी, विश्राम कोरी, दिलीप प्रजापति, संपतलाल चौधरी, सुशील प्रजापति, वाल्मीक चौधरी, दरबारी , मदन लाल चौधरी , किशन कबीर पंथी शामिल है। 

इसी तरह पांच किसानों को मूंग बीज के किट का वितरण किया गया जिसमें राजेंद्र कुमार ग्राम मोहनी, रामलाल ग्राम पठारी खुर्द, जगन प्रसाद ग्राम पठारीखुर्द, दारा चंद ग्राम मानिकपुर तथा कृष्णपाल ग्राम बुढि़या शामिल है। इसी प्रकार स्ट्रीट वेण्डर के तहत राजाराम प्रजापति निवासी पठारीखुर्द, दौलत निवासी मझौलीखुर्द, जगदीश प्रसाद महार निवासी माली, रूकमणि निवासी मजमानी कला, सुनीता निवासी कछरवार को 10- 10 हजार रूपये की राशि से लाभान्वित किया गया। ग्रामीण आजीविका के तहत दुर्गा बाई रैदास, द्रोप्ती चौधरी निवासी बरहटा को 6- 6 लाख रूपये की सीसीएल की राशि से लाभान्वित किया गया।

(उमरिया से अंजनी राय की रिपोर्ट)



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