उमरिया । कहा जाता है कि पढ़ने-लिखने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। शिक्षा किसी भी उम्र में हासिल की जा सकती है। इसी अवधारणा को आत्मरसात कर शनिवार को पढ़ना-लिखना अभियान के तहत सामाजिक चेतना केन्द्रों में अध्यकयन कर चुके जिले के 4115 असाक्षरों ने बुनियादी साक्षरता परीक्षा दी। इसमें 15 वर्ष से ऊपर सभी लोग शामिल रहे, जिन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता लेकिन शिक्षा की ऐसी ललक जागी कि वे उम्र का बंधन तोड़ न सिर्फ चेतना केन्द्र बल्कि शासकीय विद्यालय, आंगनबाड़ी व अन्यम माध्यषमों से पढ़ना-लिखना सीखा, बल्कि परीक्षा में भी शामिल हुए। खास बात यह रही कि परीक्षा देने वालों में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की उपस्थिति अधिक रही।
शनिवार को पढ़ना-लिखना अभियान के तहत जिले के तीन विकासखण्डों में 240 सामाजिक चेतना केन्द्रों में बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित की गई। इसमें 4115 असाक्षरों ने उत्साहपूर्वक परीक्षा दी। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित तीन-तीन घण्टे की पाली में परीक्षा आयोजित की गई जिसमें स्वेच्छा से असाक्षरों ने सहभागिता की। कार्यक्रम की सतत निगरानी के लिए जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक अधिकारियों की तैनाती कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन व मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निर्देशन पर की गई। भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा निरक्षरों को साक्षर करने के लिए मार्च 2022 तक पढ़ना-लिखना अभियान संचालित करने की स्वी कृति प्रदान की गई। यह कार्यक्रम नवभारत साक्षरता के नाम से अप्रैल 2022 से 2027 तक संचालित होगा।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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