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विस्टा कंपनी की रेत उत्खनन में मनमानी से खतरे में नदियों का अस्तित्व



कटनी/उमरिया ।जिले में विस्त्टा सेल्स के द्वारा रेत के अवैध उत्खनन और मनमानी से नदियों का अस्तित्व खतरे में है, लगातार इनके द्वारा इको सेंसटिव जाजागढ़ हो या महानदी सभी जगह अवैध व नियम विरुद्ध मनमानी रेत का उत्तखनन अब कटनी कलेक्टर के लिए चुनौती बन गया है।

ग्राम पंचायत चपना के समीप महानदी पर घुघरी घाट में रेत खनन के दौरान खुलेआम मनमानी की तस्वीरें सामने आई। यहां बीच नदी अवैध सड़क बनाकर भारी वाहनों को लेकर रेत भरी जा रही है। खनन के दौरान बड़ी-बड़ी एक्सक्वेटर मशीन लगाकर कई फिट गहराई से रेत निकाली जा रही है। ग्राम पंचायत चपना की सरपंच सुनीता दाहिया, ग्रामीण आकाश कोल, रामलाल केवट, रामकिशोर सिंह सहित अन्य ने बताया कि महानदी में रेत खनन के दौरान मनमानी से गांव में हैंडपंप सूख गए हैं। पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। कुआं का जलस्तर प्रभावित हुआ है। नदियों में कई फिट गहराई से रेत खनन के कारण जल बहाव पर असर पड़ा है,ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मनमानी की शिकायत के बाद संबधित विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

कटनी जिले के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा और एसपी सुनील जैन की मौजूदगी में आयोजित राजस्व और पुलिस अधिकारियों की बैठक में जिले में नियम विरुद्ध किसी भी गतिविधि पर ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। ऐसे निर्देश रेत खनन के मामले में बेअसर साबित हो रहे हैं



इन विभागों की भूमिका पर उठते रहे हैं सवाल

– खनन से नदी को होने नुकसान की जांच प्रदूषण नियंत्रण विभाग (पीसीबी) को करनी चाहिए।

– ग्रामीण स्वीकृत लीज एरिया से बाहर रेत खनन के आरोप लगातार लगा रहे हैं, ऐसे मामलों में खनिज विभाग को समय रहते जांच करनी चाहिए।

– रेत खनन के बाद परिवहन में ओवरलोडिंग के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे मामलों पर पुलिस और आरटीओ को कार्रवाई करनी चाहिए।.

विशेष संवाददाता अंजनी राय की रिपोर्ट         

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