उमरिया के समीपी जंगलों में लगी भीषण आग पंहुची नगर के समीप,वन विभाग के डिपो आग फैलाने से भयंकर नुकसान की आशंका,फायर ब्रिगेड के माध्यम से आग में काबू पाने के प्रयास जारी,जिम्मेदार वन विभाग अनजान।
उमरिया। तीनो ओर हरे-भरे वन से घिरे जिला मुख्यालय उमरिया के जंगल मे बीते कई दिनों से आग धधक रही थी लेकिन बुधवार को दोपहर जंगल मे लगी आग तेज हवाओं के कारण फैलते फैलते नगर के आरसी स्कूल के समीप पंहुच गई और उमरिया से कछरवार मार्ग में लगभग तीन किमी की लंबाई में जंगल धू धू कर जलने लगा जानकारी के बाद नगरपालिका की फायर ब्रिगेड की टीम ने आग के काबू पाने का प्रयास शुरू किया है लेकिन जंगल के भीतरी हिस्से में फायर ब्रिगेड के न पंहुच पाने के कारण आग अभी भी बरकरार है,आग से हो सकने वाली भीषण त्रासदी से वन विभाग अनजान है वहीं स्थानीय प्रशासन आग पर काबू पाने में जुटा है बता दे उमरिया शहर तीन ओर से सामान्य वन मंडल एवं वन विकास के जंगलों से घिरा है वहीं जिला मुख्यालय से थोड़ी दूर से बाँधवगढ़ टाइगर रिसर्व के कोर का घना जंगल लगा है और उमरिया में ही वन बिभाग के सैकड़ों एकड़ के फैले तीन डिपो मौजूद हैं जिसमे भारी भरकम तादात से सूखी लकड़ियां एकत्रित कर रखी गई हैं बावजूद इसके आग से हो सकने वाली भीषण त्रासदी को रोकने के लिए जिम्मेदार वन महकमे द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
हाइकोर्ट तक जा चुका है मामला।
उमरिया के ख्यातिप्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह चंदेल ने उमरिया नगर में स्थित वन विभाग के सैकड़ों एकड़ में फैले डिपो को आग की भयंकर त्रासदी से बचाने और नगर को अतिरिक्त भूमि मुहैया कराने के उद्देश्य से उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमे उच्च न्यायालय में जिम्मेदारों को तलब भी किया था लेकिन असमय हुई उनकी मौत के बाद यह मामला ठंडे बस्तेके चला गया और आज भी उमरिया में खतरे के तौर पर तकरीबन 500 एकड़ में फैले वन विभाग के डिपो मौजूद हैं जो कभी भी भीषण दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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