राष्ट्रीय नारी शक्ति से सम्मानित चित्रकार जोधईया बाई पंहुची अपने गृह ग्राम लोढा,सर्वप्रथम अपने आर्ट सेंटर पंहुचकर गुरु स्व.आशीष स्वामी को किया नमन,पुरुष्कार उनकी फोटो में समर्पित कर हुई भाव विह्वल,पुरुष्कार के असली हकदार गुरु आशीष स्वामी को बताया,कहा आगे बढ़ाती रहेंगी जनजातिय कला की परंपरा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों राष्ट्रीय नारी शक्ति से सम्मानित ख्यातिप्राप्त बुजुर्ग बैगा चित्रकार जोधईया बाई गुरुवार को सुबह अपने गृहग्राम लोढा वापस लौट आई हैं गृह ग्राम पंहुचने के बाद उन्होंने सर्वप्रथम अपने आर्ट सेंटर जहां से उन्होंने चित्रकारिता का प्रशिक्षण लिया है पंहुची और अपने गुरु चित्रकार स्व.आशीष स्वामी को नमन किया और राष्ट्रपति से प्राप्त पुरुष्कार और प्रशस्ति पत्र उन्हें अर्पित किया जोधईया बाई ने कहा उनकी यह उपलब्धि उनके गुरु स्व आशीष स्वामी की देन है आज वे इस दुनिया मे नही है लेकिन चित्रकारिता का पाठ पढ़ाने का काम उन्होंने ही शुरू किया था और देश दुनिया मे बैगा आर्ट को पहचान दिलाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है,जोधईया बाई में बताया कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें बहुत अच्छा लगा दोनों ने उनसे खूब अच्छे से बातचीत की और बहुत महत्व दिया साथ ही उनका हाल चाल पूछा।
जोधईया बाई ने बताया कि वे आशीष स्वामी के सिखाये पदचिन्हों में आगे बढ़ती रहेंगी और जनजातिय कला को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगी वहीं आर्ट सेंटर के संचालक निमिष स्वामी ने बताया कि वे स्व आशीष स्वामी का सपना जोधईया बाई को पद्मश्री पुरुष्कार दिलाने के बाद ही पूरा होगा वे पूरी तन्मयता से बैगा आर्ट को आगे बढ़ाने का काम करेंगे और ग्राम लोढा के हर घर मे चित्रकार बनाएंगे,जोधईया बाई के वापस लौटने पर आर्ट सेंटर के कलाकारों में फूल देकर उनका स्वागत किया इस दौरान आर्ट सेंटर के संचालक निमिष स्वामी,देवानंद स्वामी,अमर सिंग सहित कई कलाकार मौजूद रहे।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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