उमरिया - शून्य बजट की प्राकृतिक खेती में मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु गुजरात प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं मध्यप्रदेश प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , कृषि मंत्री कमल पटेल, नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के आतिथ्य में शासन द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेन्शन सेन्टर, भोपाल में शून्य बजट प्राकृतिक कृषि पद्धति पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र ंिसह तोमर ने वर्चुअल सहभागिता निभाई। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल से आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषि उपज मण्डी प्रांगण उमरिया में देखा एवं सुना गया । कृषि उपज मण्डी मंें आयोजित कार्यक्रम में विधायक बांधवगढ़ शिवनारायण सिंह, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इला तिवारी, जनप्रतिनिधि मिथिलेश पयासी, पंकज तिवारी, उप संचालक कृषि खेलावन डेहरिया, अनुराग शुक्ला, शिवशंकर प्रजापति, कमलेश्वरी सिंह, दीपक पटेल, एमपी दहायत सहित बड़ी संख्या में किसान गण उपस्थित रहे।
जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक शिवनारायण सिंह ने कहा कि गुजरात के राज्यपाल द्वारा प्राकृतिक खेती की बताई गई विधि को जिले के कृषक आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि किसान अपनी खेती के छोटे से एरिया में प्राकृतिक खेती करके आजमा सकते है। प्राकृतिक खेती करनें से कृषकों को बहुत से फायदें स्वमेव दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने ंसे किसानों को शून्य बजट पर अच्छी फसल मिल सकेगी एवं उनकी आमदनी में वृद्धि होगी और किसान खुशहाली की जिंदगी जी सकेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि कृषक रासायनिक ख्ेाती को छोड़कर प्राकृतिक खेती करनें के लिए संकल्प लें। प्राकृतिक खेती करने से किसान आत्म निर्भर बनेंगे एवं खेती को लाभ का धंधा बनानें में प्राकृतिक खेती मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर मिथिलेश मिश्रा ने कहा कि प्राकृतिक खेती मे लागत नही लगती है और उत्पादन भी अधिक मिलता हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण , जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण अभियानों को गति मिलेगी। रासायनिक सामग्री का उपयोग नही होने से स्वास्थ्य भी उत्तम होगा।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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