उमरिया।ये दोस्ताना है पुराना बाँधवगढ़ टाइगर रिसर्व की सीमा पर आबाद गांवों के दुर्लभ वन्य जीवों का देखा जाना कोई नई बात नही है कभी बाघ कभी बाघ कभी तेंदुआ तो कभी चीतल सांभर गांव की सीमा के भीतर बाहर सुराक्षित आवागमन बिना किसी रोक टोक के आवागमन करते देखे जा सकते हैं,सोमवार को पार्क के कोर सीमा अंतर्गत ग्राम चिल्हारी में एक वयस्क सांभर किसान के घर मे घुस गया और निर्माणाधीन बाउंड्रीवाल के बाहर से झांकने लगा ग्रामीणों ने देखा तो कौतूहल का विषय बन गया ग्रामीण एकजुट हो गए और पार्क प्रबंधन को गांव में सांभर होने की सूचना दी गई पार्क प्रबंधन की टीम गांव पंहुची और सांभर का रेस्क्यू किया गया इस दौरान ग्रामीणों ने पूरी शिद्दत के साथ वन विभाग के रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरा सहयोग किया,रेस्क्यू के बाद सांभर को परिक्षेत्र कार्यालय पनपथा ले जाया गया जहां उसका चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत स्वस्थ पाए जाने पर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया।
वन्य जीवों से गहरा संबंध।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की कोर एवं बफर की सीमा में कुल 105 गांव आबाद है जहां वन्य जीवों का आना-जाना आम व्यवहार की तरह होता है कभी बाघ गांव के मुहाने तक आ जाता है तो कभी तेंदुआ तो कभी चीतल सांभर उछलकूद कर जंगल वापस लौट जाते हैं,हिंसक वन्य जीवों ले आने पर ग्रामीण थोड़े बहुत खतरे का एहसास करते हैं लेकिन शाकाहारी जीवो से उन्हें कोई खतरा महसूस नही होता।ग्रामीण सदियों से वन्य जीवों के साथ जीवनयापन के अभ्यस्त हो चुके हैं।
ग्रामीण कर रहे मदद।
उप वनमंडल अधिकारी सुधीर मिश्रा ने बताया है पार्क की सीमा से लगे गांवों में जंगली वन्य जीवों का जाना सामान्य बात है ग्रामीण अब जागरूक हो चुके हैं और वन्य जीवों के सरंक्षण में पूरी मदद कर रहे हैं।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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