उमरिया - आदि गुरू शंकराचार्य की जयंती उमरिया जिले में धूमधाम से मनाई गई। प्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय में जिला पंचायत सभागार में जिला प्रशासन जन अभियान परिषद तथा संस्कृति विभाग के तत्वाधान में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आदर्श महाविद्यालय उमरिया की प्राध्यापक सत्या सोनी ने मुख्य वक्ता के रूप में आदि गुरू शंकराचार्य के जीवन दर्शन, कृतित्व एवं व्यक्तित्व तथा आदर्शो पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य ने अद्वैत वाद का दर्शन दिया था । उनका कहना था कि संसार के समस्त प्राणियों तथा प्रकृति , जीव जंतु, वनस्पतियो, नदियां, सरोवर आदि ईश्वर के अंश है। सनातन धर्म प्राकृतिक धर्म है जिसमें सारी दुनियों को ज्ञान दिया। इसलिए भारत भूमि को देव भूमि एवं ज्ञान भूमि कहा जाता है। आदि गुरू शंकराचार्य का जन्म 788ईश्वी में केरल के कराली गांव मे हुआ था। उन्होंने सनातन धर्म के विभिन्न अनुयायियों के बीच समन्वय स्थापित करनें हेतु पंच देव उपासना तथा पंच महाभूत का नियम दिया। कार्यक्रम में जिला समन्वय जन अभियान परिषद शिवशंकर शर्मा , जनसंपर्क अधिकारी गजेंन्द्र द्विवेदी , राघवेंद्र चर्तुवेदी, सुनील सराठे एवं श्री मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर जिले भर से प्रस्फुटन समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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