उमरिया । उप संचालक कृषि खेलावन डेहरिया के मुख्य आतिथ्य में करकेली विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कौडि़या सलैया- 13 में प्राकृतिक खेती पर जन चौपाल संपन्न हुई। इस अवसर पर उप संचालक कृषि ने किसानों को प्राकृतिक खेती करनें पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि धरती हमारी माता है , और हम उसके पुत्र । माता और पुत्र के इस रिश्ते का पवित्र सेतु है प्राकृतिक खेती। प्राकृतिक खेती कृषि प्राचीन पद्धति है। यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनायें रखती है। प्राकृतिक खेती मे रसायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक का उपयोग नही किया जा सकता है। इस प्रकार की खेती मे जो तत्व प्रकृति में पाए जाते है , उन्हीं को खेती मे पोषक तत्व एवं कीटनाशक के रूप में काम में लिया जाता है। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती के सिद्धांत, जीवामृत, जीवामृत निर्माण हेतु आवश्यक सामग्री, जीवामृत निर्माण विधि, जीवामृत उपयोग विधि, घनजीवामृत, बीजामृत, आच्छादन एवं अग्नि अस्त्र के बारें मे विस्तार पूर्वक समझाया।
उन्होंने किसानों से कहा कि वे एक छोटे से एरिया में प्राकृतिक खेती करके देखे, उसका लाभ स्वमेव किसानों को दिखाई देगा, और खेती किसानी , किसानों के लिए लाभ का धंधा बन सकेगी।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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