उमरिया - मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेंय द्वारा बताया गया कि 2 मई 2015 की सुबह करीब 8 बजे बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व नेशनल पार्क के वन परिक्षेत्र पनपथा जो नेशनल पार्क का बफर जोन है, में पदस्थ परिक्षेत्र सहायक को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि बीट मिड़रा के कक्ष क्रमांक 487 के मुनारा क्रमांक 33 को तोड़ा जा रहा है । अभियुक्ततगण दुर्गाप्रसाद यादव, दीनदयाल व कामता प्रसाद यादव जो कि एक ही परिवार के सदस्य है, ने अतिक्रमण करने के उद्देश्य से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के कक्ष क्रमांक में बने मुनारा क्रमांक 33 को तोड़ा है । उक्त सूचना पर से उक्त परिक्षेत्र सहायक स्टॉफ के अन्य तीन लोग बीट गार्ड के साथ मौके पर गये । जहां पर अभियुक्तगण कामता प्रसाद, दुर्गाप्रसाद व दीनदयाल यादव ने अतिक्रमण करने के उद्देश्यौ से सीमा चिन्ह मुनारा को तोड़ दिया था व आसपास के क्षेत्र पर साफ-सफाई कर वन्य प्राणियों के निवास स्थिल को भी नष्ट किया था । मौके पर अभियुक्तगण मिले जिनसे मुनारा तोड़ने के औजार गैती, फावड़ा, कुल्हाड़ी इत्यादि की जप्तीे की कार्यवाही की गयी । आरोपियों के विरूद्ध पीओआर क्रमांक 74/88 दिनांक 2 मई 2015 पर प्राथमिकि वन अपराध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 29,30,51 व भारतीय वन अधिनियम की धारा 26(1)51 63 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया । संपूर्ण विवचेना उपरांत परिवाद पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया ।
राज्य की ओर से मामले में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी नीरज पाण्डेय द्वारा अभियोजन का संचालन किया गया एवं कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया । जिनके तर्काे से सहमत होकर अभियुक्तंगणों को दोषसिद्ध किया गया।
जिस पर मुख्य न्याायिक मजिस्ट्रेट रामप्रकाश अहिरवार के न्यायालय द्वारा उक्त आरोपीगण दुर्गा प्रसाद यादव, कामता प्रसाद यादव, व दीनदयाल यादव को वन्यर प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27(3) सहपठित धारा 51 के अंतर्गत 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं आरोपी को 10,000 रूपये के अर्थदण्ड् से दण्डित किया गया।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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