उमरिया जिले की जीवन-दायिनी उमरार नदी के सरंक्षण संवर्धन के लिए शुरू उमरार नदी सरंक्षण पद यात्रा का खैरभार ग्राम में हुआ समापन,कमिश्नर शहडोल संभाग,ऐडीजीपी सहित नदी पुनर्जीवन विशेसज्ञों सहित एवं नागरिकों एवं ग्रामीणों ने लिया हिस्सा,नदी संवाद के बाद हुई उमरार की महाआरती,
उमरिया।जिले की जीवनदायिनी उमरार नदी के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए शुरू की गई उमरार नदी सरंक्षण पदयात्रा का शुक्रवार को देर रात ग्राम खैरभार में समापन हुआ,समापन मौके पर उमरार नदी की महाआरती आरती और विशाल नदी सम्मेलन का आयोजन किया गया इस मौके पर कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा एडीजीपी शहडोल जोन डीसी सागर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मति इला तिवारी सहित नदी सरंक्षण कार्यक्रम से जुड़े स्वामी देव स्वरूपानंद,आचार्य सुरेंद्र सहित मनीष सिंह राजपूत,नंदलाल सिंह, संतोष द्विवेदी श्री निवासन,राजेश मानव,भूपेश भूषण,विजय जोशी एवं कथली नदी पुनर्जीवन से जुड़े चंदिया नगर के समाजसेवी नंदकिशोर पुरोहित एवं कई सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
अपने हिस्से की लकड़ी का करें इंतजाम-कमिश्नर।
उमरिया की जीवन दायिनी उमरार बीते कई दिनों से गिरते जल स्तर प्रदूषण और नदी के किनारों की पेड़ कटाई के कारण गंदे नाले में तब्दील हुई और अब सूखने की कगार पर है लिहाजा उमरार नदी का उपचार पदयात्रा के माध्यम से शुरू हुआ है जिसका लोगों ने हर पड़ाव पर स्वागत किया उमरिया जिले के दुर्गम कहे जाने वाले आकाशकोट के बिरहुलिया गांव स्थित नदी के उद्गम स्थल से शुरू हुई यह पदयात्रा लगभग 30 गांव पारकर छह दिन में 80 किमी दूर उमरार के छोटी महानदी संगम स्थल खैरभार पंहुची जहां आयोजित नदी संवाद आयोजन को संबोधित करते हुए संभागीय कमिश्नर राजीव शर्मा ने कहा कि नदियों सहित अन्य जलस्रोतों की समाप्ति की मुख्य वजह पेड़ो और जंगलों के काटा जाना है मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति ले लिए लगातार जंगल का विदोहन कर रहा है राजीव शर्मा ने बताया है कि आने वाला समय और भयावह होने वाला है जहां इंसानों के मरने के बाद जलाने के लिए लकड़ियां नसीब नही होंगी लिहाजा अपने हिस्से ही लकड़ी का इंतजाम सभी को हरे-भरे पेड़ लगाकर करना होगा।
कोशिश करने वालों की हार नही होती-एडीजीपी
पदयात्रा समापन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन डीसी सागर ने कहा कि भीषण गर्मी में उमरार नदी की पदयात्रा करने वाले लोगों ने लोगों के जेहन में जल सरंक्षण की अलख जगाई है और धीरे-धीरे लोग इससे जुड़कर उमरार के सरंक्षण में शामिल होंगे क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती।
ताकि जल को बचाया जा सके इसलिए आज प्रयास जरूरी-इला तिवारी
उमरार को सहेजने और नदी में जलधारा की वापसी के प्रयास के इस सार्थक प्रयास के समापन अवसर पर सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत उमरिया की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मति इला तिवारी में कहा जल सरंक्षण आज समाज और सरकार दोनों की प्राथमिकता में है लेकिन इसे दोनों के परस्पर सहयोग से ही किया जा सकता है कल के जल को बचाने के लिए इस तरह के सार्थक प्रयास आज से शुरू करने होंगे सीईओ जिला पंचायत ने मौजूद लोगों से अपील की की उनके कार्यों का जनता मूल्यांकन करे और जहां गड़बड़ी हो रही हो या गलत काम हो रहा हो तो उन्हें जानकारी दें।
नदी के पट्टे की मांग
उमरार नदी की पदयात्रा के संयोजक बाला सिंह टेकाम ने प्रशासन से नदी के तट पर हुए अतिक्रमण को हटाने की मांग करते हुए नदी के पट्टे की मांग की है साथ ही नदी के आसपास पानी रोकने में सक्षम पेड़ों का वृक्षारोपण किये जाने की बात कही।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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