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निर्वाचन प्रक्रिया में जोनल अधिकारियों का महत्वपूर्ण रोल - जिला निर्वाचन अधिकारी

 निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी के निष्पक्षता आम मतदाता एवं अभ्यर्थियों को भी महसूस होनी चाहिए - निर्वाचन प्रेक्षक

उमरिया - स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुचितापूर्ण तरीके से संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को संपन्न कराने में जोनल अधिकारियों का दायित्व सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जोनल अधिकारी मतदान केंद्रों का निरीक्षण के साथ अपना दायित्व शुरू करते है, और मतदान संपन्न होने तक तथा निर्वाचन सामग्री वापस रिटर्निग आफीसर को सौंपने तक अपने दायित्व निभाते है। यदि जोनल अधिकारी लगातार सक्रियता निभाते है तथा समय पर समस्याओं का धैर्यपूर्वक आयोग के निर्देशानुसार निराकरण करते है तो समस्यायें अपने आप सुलझ जाती है। उक्त आशय के विचार कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने कलेक्टर सभागार मे आयोजित जोनल अधिकारियों के पहले प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक आर आर वामनकर राप्रसे(सेवा निवृत्त), उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक ओहरी, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी , मतदान दल प्रशिक्षण प्रभारी अभय पाण्डेय, राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर सुशील मिश्रा तथा जोनल अधिकारी उपस्थित रहे।

 राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त आर आर वामनकर राप्रसे(सेवा निवृत्त) ने कहा कि जिले में पंचायत निर्वाचन की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता एवं सुचिता के साथ संचालित की जा रही है। सभी जोनल अधिकारी जिम्मेदार कर्मी है , इसी कारण से प्रशासन द्वारा उन्हें यह दायित्व सौंपा गया है। स्थानीय निर्वाचन में मतदाता का सीधा संबंध प्रत्याशी से रहता है , इसलिए सभी जोनल अधिकारी पूर्ण सतर्कता , पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ दायित्वों का निर्वहन करे। आापनें कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी के निष्पक्षता आम मतदाता एवं अभ्यर्थियों को भी महसूस होनी चाहिए। 

जोनल अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हुए मास्टर ट्रेनर सुशील मिश्रा ने बताया कि जोनल अधिकारियो का प्रथम दायित्व संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखना है। जोनल अधिकारी मतदान दिवस में मतदान हेतु उपयोग किए जाने वाले मतदान केंद्र की सभी व्यवस्थाओं जैसे पानी , छाया, पहुंच मार्ग, विद्युत व्यवस्था आदि का भी आंकलन कर समय रहते व्यवस्था सुनिश्चित करानें के लिए जवाबदार होता है। वह अपने भ्रमण के दौरान संबंधित क्षेत्र मे बर्नरेबिल क्षेत्र कारण और यह किसके कारण हो सकता है , को भी चिन्हित करनें का दायित्व निभाता है। जोनल अधिकारी को सामग्री वितरण के दौरान अपने जोन के मतदान दलों से संपर्क कर लेना चाहिए , उसे दलों से संपर्क मे रहने के लिए कम्युनिकेशन प्लान तैयार कर लेना चाहिए। सामग्री प्राप्त करने के बाद उनका मिलान तथा निर्धारित वाहन में दलो को बैठाकर मतदान केंद्र पहुंचवाने एवं उनसे ओके रिपोर्ट प्राप्त करना चाहिए। दूसरे दिन मतदान केन्द्रों का भ्रमण कर मतदान की तैयारियों तथा मतदान दलो की समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही रात्रि कालीन में निर्धारित मतदान केंद्र में विश्राम करना होगा। मतदान दिवस पर प्रातः 7 बजे से मतदान प्रारंभ होगा, इसके लिए आधा घंटा पूर्व सभी मतदान दलों से तैयारियों की जानकारी प्राप्त करना चाहिए। इसके बाद हर दो घंटे में मतदान के प्रतिशत की जानकारी प्राप्त कर संबंधित रिटर्निग ऑफीसर को उपलब्ध करानी होगी। मतदान समाप्त होने के पश्चात आयोग के निर्देशानुसार मतदान दल द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मतदान केंद्र में ही मतगणना की जानी है। नोडल अधिकारी का दायित्व है कि वह सभी मतदान केन्द्रों का भ्रमण करें । 

मतगणना प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात मतदान दल रिटर्निग आफीसर द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों के माध्यम से रवाना होगा तथा निर्धारित केन्द्रों में निर्वाचन सामग्री जमा करेगा। आरओ द्वारा ओके रिपोर्ट की संतुष्टि कर देने पर वह कार्य मुक्त हो सकेगा।  मतदान दिवस पर मतदान दल को आने वाली समस्याओं तथा विधिक मार्गदर्शन देने हेतु जोनल अधिकारी ही उपलब्ध रहते है ,इसलिए उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया का भली भांति ज्ञान होना जरूरी है। वे अपने दायित्वों को ठीक तरह से पढ़े तथा मतदान दलों के प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित रहकर निर्वाचन संबंधी जानकारी मास्टर ट्रेनर से प्राप्त करें। 

(अंजनी राय की रिपोर्ट)

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