प्रथम चरण का मतदान 6 जुलाई को तथा द्वितीय चरण का मतदान 13 जुलाई को होगा
उमरिया- राज्य निर्वाचन आयोग व्दारा नगरीय निकायों के निर्वाचन की घोषणा कर दी गई है। कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने पत्रकारवार्ता का आयोजन कर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों , निर्वाचन कार्यक्रम तथा जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्विघ्न चुनाव संपन्न करानें हेतु की गई तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने निर्वाचन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में दो चरणों में नगरीय निकायों के चुनाव संपन्न होगे। प्रथम चरण में नगर परिषद नौरोजाबाद, नगर परिषद चंदिया , नगर पालिका परिषद उमरिया तथा द्वितीय चरण में नगर परिषद मानपुर में चुनाव होगा। प्रथम चरण के लिए मतदान 6 जुलाई को तथा द्वितीय चरण के लिए मतदान 13 जुलाई को होगा।
कलेक्टर ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों , शासकीय सेवकों तथा आम नागरिकों के लिए आदर्श आचरण संहिता जारी की गई है। आदर्श आचरण संहिता के प्रावधानों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन तिथि की घोषणा के दिनांक से निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक प्रभावशील रहेंगे।
किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या उनमें विद्वेष या तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, साम्प्रदायिक दलगत या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिये। पूजा के किसी स्थल जैसे कि मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। किसी अभ्यर्थी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जाना चाहिए जिनका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो और न ही ऐसे आरोप लगाये जाना चाहिए जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो। किसी राजनैतिक दल की आलोचना उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए तथा दल और उसके कार्यकर्ताओं की आलोचना असत्यापित आरोपों पर आधारित नहीं की जानी चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति के शान्तिपूर्ण घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे उसके राजनैतिक विचार कैसे भी क्यों न हों। किसी भी व्यक्ति के कार्यों या विचारों का विरोध करने के लिए किसी दल या अभ्यर्थी द्वारा ऐसे व्यक्ति के घर के सामने धरना देने, नारेबाजी करने या प्रदर्शन करने की कार्यवाही का कतई समर्थन नहीं किया जाना चाहिए और न ही स्वयं ऐसे कृत्य में भाग लेना चाहिये। राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से परहेज करना चाहिए जो चुनाव के कानून के अन्तर्गत अपराध हों, जैसे कि ऐसा कोई पोस्टर, इश्तहार, पंम्पलेट या परिपत्र निकालना, जिसमें मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता न हो। किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्देश्य से उसके व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीदवारी के संबंध में ऐसे कथन या समाचार का प्रकाशन कराना जो मिथ्या हो या जिसके सत्य होने का विश्वास न हो। किसी चुनाव सभा में गड़बड़ी करना या विघ्न डालना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए समय के साथ समाप्त होने वाले पिछले 48 घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभा करना, मतदाताओं को रिश्वत या किसी प्रकार का उपहार पारितोषिक प्रलोभन आदि देना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के अन्दर किसी प्रकार का चुनाव प्रचार करना या मत संयाचना करना., मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने या ले जाने के लिए। वाहनों का उपयोग करना. , मतदान केन्द्र में या उसके आसपास विश्रृंखल आचरण करना या मतदान केन्द्र के अधिकारियों के कार्य में बाधा डालना, मतदाताओं का प्रतिरूपण करना अर्थात् गलत नाम से मतदान का प्रयास करना ।
मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये निजी राशि से सामाजिक, सांस्कृतिक अथवा धार्मिक प्रयोजन से कोई निर्माण अथवा कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा नहीं की जायेगी। मतदान समाप्त होने के समय से 48 घन्टे पूर्व से शराब की दुकानें बन्द रखी जाएंगी। इस अवधि में किसी अभ्यर्थी द्वारा न तो शराब खरीदी जाय और न ही उसे किसी को पेश या वितरित किया जाए। प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को भी ऐसा करने से रोका जाना चाहिए।
किसी भी अभ्यर्थी अथवा उसके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का उपयोग झण्डा टांगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने आदि प्रचार कार्यों के लिए उसकी अनुमति के बगैर नहीं किया जाना चाहिए और अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को भी ऐसा नहीं करने देना जाहिए।
शासकीय एवं सार्वजनिक भवन, उनके अहाते या अन्य परिसम्पत्तियों का उक्त प्रयोजन हेतु उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी दल या अभ्यर्थी द्वारा या उसके पक्ष में लगाये गये झण्डे या पोस्टर दूसरे दल या अभ्यर्थी के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाये जाने चाहिए। मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चियां सादे कागज पर होनी चाहिए और उनमें अभ्यर्थी का नाम या चुनाव चिन्ह नहीं होना चाहिए। पर्ची में मतदाता का नाम, उसके पिता/पति का नाम, वार्ड क्रमांक, मतदान केन्द्र क्रमांक तथा मतदाता सूची में उसके अनुक्रमांक के अलावा और कुछ नहीं लिखा होना चाहिए। मतदान शान्तिपूर्वक तथा सुचारू रूप से सम्पन्न कराने में निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया जाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति किसी मतदान क्षेत्र में, उस मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा; या चलचित्र, इलेक्ट्रानिक या प्रिंट मीडिया या किसी अन्य साधन से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा; या कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या किसी मनोरंजन द्वारा या आमोद-प्रमोद के अन्य तरीकों द्वारा मतदाताओं को उसके प्रति आकर्षित करने के प्रयोजन से आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा।
. सभाएं एवं जुलूस
किसी हाट बाजार या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा के आयोजन के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए तथा स्थानीय संबंधित पुलिस थाने में ऐसी सभा के आयोजन की पूर्व सूचना दी जानी चाहिए ताकि शान्ति और व्यवस्था बनाए रखने तथा यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आवश्यक प्रबन्ध कर सके। प्रत्येक राजनैतिक दल या अभ्यर्थी द्वारा किसी अन्य अभ्यर्थी अथवा उसके समर्थकों द्वारा आयोजित सभा या जुलूस में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने या बाधा डालने में अपने कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को रोकना चाहिए। यदि दो भिन्न-भिन्न दलों या उम्मीदवारों अथवा उनके समर्थकों द्वारा पास-पास स्थित स्थानों में सभाएं की जा रही हों तो ध्वनि विस्तारक यंत्रों के मुंह विपरीत दिशाओं में रखे जाने चाहिए।
किसी अभ्यर्थी के समर्थन में आयोजित जुलूस ऐसे क्षेत्र या मार्ग से होकर नहीं निकाला जाना चाहिए जिसमें कोई प्रतिबन्धात्मक आदेश लागू हों। जुलूस के निकलने के स्थान, समय और मार्ग तथा समापन के बारे में संबंधित स्थानीय पुलिस थाने में कम से कम एक दिन पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जुलूस के कारण सामान्य यातायात में कोई बाधा न हो। जुलूस में शामिल लोगों को ऐसी सामग्री लेकर चलने से रोका जाना चाहिए, जिनको लेकर चलने पर प्रतिबंध हो या जिनका उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सके। प्रत्येक अभ्यर्थी एवं उसके समर्थकों द्वारा किसी अन्य अभ्यर्थी अथवा उसके समर्थकों के नेताओं के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान में जलाए जाने तथा इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शन का आयोजन करने से अपने कार्यकर्ताओं को रोकना चाहिए। सभाओं एवं जुलूसों के आयोजन के दौरान तीव्र संगीत एवं ध्वनि विस्तारक का उपयोग करने के लिए सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना चाहिए। . शासन और संस्थाओं के वाहनों आदि के चुनाव प्रचार में उपयोग पर
प्रतिबन्ध
शासन सहित, सार्वजनिक उपक्रमों/प्राधिकरणों, स्थानीय निकाय, सहकारी संस्थाओं, कृषि उपज मंडियों या शासन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के स्वयं के अथवा उनके द्वारा किराये पर अनुबंधित वाहनों, विमानों एवं अन्य संसाधनों (जैसे कि टेलीफोन, फैक्स) अथवा कर्मचारियों का उपयोग किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के हित को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे वाहनों आदि को उनके नियंत्रक अधिकारियों द्वारा निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की तारीख तक, मंत्रिगण, सांसदों, विधायकों, पंचायतों के पदाधिकारियों या अभ्यर्थियों या उनके समर्थकों को उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए।
निर्वाचन घोषणा पत्र
निर्वाचन घोषणा पत्र में ऐसी कोई बात नहीं होगी जो आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों में निहित भावना के अनुरूप न हो एवं जिससे निर्वाचन की शुचिता एवं निष्पक्षता किसी भी प्रकार से प्रभावित होती हो। राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसे वायदे करने से बचना चाहिए जो निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता को दूषित करे या मतदाताओं पर उनके मताधिकार के प्रयोग में कोई अनुचित प्रभाव डाले। पारदर्शिता एवं सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर प्रदान करने की दृष्टि से यह अपेक्षित है कि घोषणा पत्रों में प्रस्तावित वायदों का औचित्य एवं उनकी पूर्ति हेतु वित्तीय साधन किस प्रकार जुटाये जायेंगे इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए। मतदाताओं का विश्वास केवल ऐसे वायदों पर मांगा जाना चाहिए जिन्हें पूरा करना संभव हो ।
शासकीय कर्मियों के लिए आचार संहिता
राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने तक राज्य सरकार सरकार के किसी भी विभाग या उपक्रम द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित न किया जाए, जिससे चुनाव के सम्यक् संचालन में व्यवधान उपस्थित हो (जैसे कि कर्मचारियों के स्थानान्तरण) या चुनाव की शुचिता और निष्पक्षता प्रभावित हो, जैसे कि किसी क्षेत्र या वर्ग के मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा या छूट देना या किसी नयी योजना (स्कीम) या कार्य के लिए स्वीकृति जारी करना ।शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में पूर्णतः निष्पक्ष रहना चाहिये। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं।. चुनाव के दौरे के समय यदि कोई मंत्री अथवा सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय आदि का कोई पदाधिकारी किसी निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर लें तो किसी शासकीय कर्मचारी को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई निमंत्रण पत्र प्राप्त हो तो उसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर देना चाहिए।.
किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनाव सभा के आयोजन हेतु अनुमति देते समय विभिन्न अभ्यर्थियों या राजनैतिक दलों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यदि एक ही दिन और समय पर, एक से अधिक उम्मीदवार या दल एक ही जगह पर सभा करना चाहते हों तो उस अभ्यर्थी या दल को अनुमति दी जानी चाहिए, जिसने सबसे पहले आवेदन पत्र दिया है।. विश्राम गृहों या अन्य स्थानों में शासकीय आवास सुविधा का उपयोग सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को उन्हीं शर्तों पर करने की अनुमति दी जायेगी, जिन शर्तों पर उनका उपयोग सत्ताधारी दल को करने की अनुमति दी जाती है। परन्तु किसी भी दल या अभ्यर्थी को ऐसे भवन या उसके परिसर का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।साधारणतः चुनाव के समय जो भी आम सभा आयोजित की जाए उसे चुनाव संबंधी सभा माना जाना चाहिए और उस पर कोई शासकीय व्यय नहीं किया जाना चाहिए।
ऐसी सभा में उन कर्मचारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने या सुरक्षा के लिए तैनात किया गया हो, अन्य कर्मचारियों को शामिल नहीं होना चाहिए। यदि कोई मंत्री चुनाव के दौरान जिले के किसी पंचायत क्षेत्र का भ्रमण करें (जहां कि चुनाव होने वाले हों) तो ऐसा भ्रमण चुनावी दौरा माना जाना चाहिए और उसमें सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों को छोड़कर अन्य किसी शासकीय कर्मचारी को साथ नहीं रहना चाहिए। ऐसे दौरे के लिए शासकीय वाहन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जानी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हां ने बताया कि आदर्श आचरण संहिता लागू होने के पश्चात मीडिया से जुड़े लोगों से भी पालन करना होगा। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी, धर्म या सम्प्रदाय अथवा व्यक्तिगत टिप्पणी नही करनी चाहिए।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक ओहरी, निर्वाचन पर्यवेक्षक हरिशंकर झारिया, श्री सेन, विनय खरे, दिलीप श्रीवास एवं प्रिंट , इलेक्ट्रानिक तथा सोशल मीडिया के पत्रकार उपस्थित रहे।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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