गरीबो एवं निर्धन वर्ग को उच्चत्तम गुणवत्ता की कानूनी सहायता उपलब्ध कराने विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश
उमरिया।आदिवासी बाहुल्य उमारिया जिले को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जिले के गरीब एवं जनजतीय समुदाय को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लीगल एड डिफेंस काउंसिल गठित करने के निर्देश दिए गए हैं ,राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा एमपी के 19 जिलों में प्राथमिक रुप से ज्यादा आवश्यकता वाले जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुल 19 ज़िलों को लिया गया है जिसमे उमारिया जिला भी शामिल है,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश सनत कुमार कश्यप ने बताया है पूर्व में लीगल एड के माध्यम से गरीब एवं निर्धन वर्ग के लोगों को स्वतंत्र अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी सहायता दी जाती रही है लेकिन अधिवक्ता ले द्वारा अभियुक्त की सही पैरवी नही करने से बहुत से मामलों में अभियुक्त दोषी सिद्ध हो जाता है,जिला एवं सत्र न्यायाधीश में बताया है कि विधिक सेवा में गुणात्मक विकास के उद्देश्य से लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम योजना लागू की गई है।
पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सनत कुमार कश्यप ने बताया है कि जिला न्यायालय उमारिया में लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के लिए पांच पदों पर भर्तियां की जानी है जिसमे कार्यरत अधिवक्ता आवेदन कर सकते हैं अधिवक्ताओं के लिए 10 साल की प्रैक्टिस होना अनिवार्य है और जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय से ली जा सकती है।पांच पदों में एक चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल,दो डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल ,दो असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल की भर्ती की जाएगी।आवेदन भरने की अंतिम तिथि 05 सितंबर 2022 निर्धारित की गई है।
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