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सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल में विधिक साक्षरता शिविर संपन्न

उमरिया- प्रधान एवं जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सनत कुमार कश्यप् के मार्गदर्शन सेन्ट्रेल एकेडमी स्कूल उमरिया में भावी पीढ़ी को विधि का पालन करने वाले नागरिक बनाये जाने के उदेश्य से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में सेंट्रल एकेडमी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा 09 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। शिविर में मुख्य रूप से परिवार में सामंजस्य एवं समरूपता बनाए जाने के उदेश्य से मध्यस्थता विधि, संवैधानिक विधि के अंतर्गत मूल अधिकार एवं मूलकर्तव्य, शिक्षा का अधिकार, आपराधिक विधि के अंतर्गत बच्चों के प्रति लैंगिक अपराध, साइबर अपराध तथा उपभोक्ता के अधिकारों पर व्याख्यान दिए गए।

कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने कहा आज पारिवारिक विघटन की घटनाऐं बहुत तीव्र गति से घटित हो रही है। पारिवारिक विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। चूंकि राष्ट्र का निर्माण लोगों से होता है जब परिवार में समाज में सामाजिक समरसता नहीं होगी तब देश का कल्याण नहीं हो सकता।  अपने श्रेष्ठ संस्कारों को आत्मसात करने हुए हमें परिवार में भाषा तथा मूल संस्कृति से जुड़े मूल्यों को स्थापित करना होगा। वर्तमान में परिवार में पति-पत्नी के बीच बढ़ते विवादों को देखते हुए उन्होंने सहिष्णुता तथा मध्यस्थता की विधा को अपनाने का आग्रह किया।  किसी भी विवाद का संवाद से हल निकाला जा सकता है मध्यस्थता आज के समय की जरूरत है उन्होंने रामायण और महाभारत का जिक्र करते हुए राम रावण के बीच अंगद तथा कौरवों पाण्डवों के मध्य श्री कृष्ण की मध्यस्थता का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यस्थता विवादों के निपटानें की अत्यंत प्राचीन विधा रही है आज इसे संविधि द्वारा कानूनी रूप प्रदान किया गया है तथा सिविल प्रकृति के विशेष रूप से पारिवारिक विवादों के निराकरण में मध्यस्थता की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पूर्ववाद मध्यस्थता का जिक्र करते हुए उन्होने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मध्यस्थता संबंध सेवायें कैसे प्राप्त की जा सकती है इस पर प्रकाश डाला। तथा उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से मध्यस्थता प्रक्रिया का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। श्री चौबे ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों की चर्चा करते हुए आन लॉइन शापिंग और उससे होने वाले फ्राड से बचने के तरीकों पर भी चर्चा की।  सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संगीता पटेल ने लैगिंक अपराध, एसिड अटैक, साइबर अपराध विशेष रूप में मोबाइल से होने वाले अपराधों से बचाव के तरीके बताते हुए शिक्षा के अधिकार पर चर्चा की तथा बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया।

जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री बी.डी. दीक्षित ने आयोजित शिविर की उपादेयेता पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संविधान के अंतर्गत मूल अधिकार एवं मूल कर्तव्य पर विद्यार्थियों को संबोधित किया। तथा मूल कर्तव्यों के अंतर्गत प्रत्येंक वस्तु एवं घटना के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की बच्चों की मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवा योजना 2015 के अंतर्गत निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों की चर्चा की गई।शिविर में संस्था के निदेशक श्री बृज भूषण शर्मा, प्राचार्य श्री समीर बैनर्जी तथा हिन्दी शिक्षक श्री आर.एस.तोमर ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।

(अन्जनी राय की रिपोर्ट)

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