भोपाल।/उमरिया।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए मध्यप्रदेश में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। गेहूँ उत्पादन में देश में अव्वल रहते हुए मध्यप्रदेश में किसानों को सभी तरह के उत्पादन का पूरा लाभ देने का कार्य किया। प्रदेश की कृषि विकास दर देश में सर्वाधिक है। इसके बावजूद अन्य प्रदेशों में किसानों के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश में भी उन्हें लागू करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इस सिलसिले में केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी की पहल पर विदर्भ में लोकप्रिय हुई बहुआयामी एग्रो विजन कृषि प्रदर्शनी और अन्य नवाचारों को अपनाने का कार्य भी किया जाएगा। मध्यप्रदेश में एग्रो विजन का कार्यक्रम किसानों के हित में किए जाने की आवश्यक पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नागपुर में केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के संयोजन में हुए एग्रो विजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रदर्शनी के साथ ही कार्यशाला और परिसंवाद के कार्यक्रम 28 नवंबर तक चलेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप जला कर एग्रो विजन का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए 5 सूत्री रणनीति पर अमल किया गया है। इसमें उत्पादन वृद्धि, लागत कम करने, फसल का उचित दाम देने, क्षति पर आवश्यक भरपाई और तकनीक का इस्तेमाल शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को प्राकृतिक आपदा और अन्य कारणों से फसलों की क्षति पर पर्याप्त राहत राशि देने की व्यवस्था की गई है। किसानों को फसल बीमा की राशि दिलवाने के लिए निरंतर समीक्षा की गई। परिणामस्वरूप किसानों को राहत मिली। इसी तरह कृषि कार्य में रिमोट सेंसिंग और तकनीक के भरपूर उपयोग से किसानों को लाभ देने का कार्य किया गया। मध्यप्रदेश में कृषि विविधीकरण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। गेहूँ, धान, चना और दालों के अलावा फल और फूलों की खेती के नवाचार भी हो रहे हैं। प्रदेश में बाँस उत्पादन से किसानों को आय वृद्धि का लाभ मिला है। सबसे महत्वपूर्ण बात किसानों को जीरो प्रतिशत पर कर्ज देकर ब्याज से राहत दिलवाने की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में सिंचाई प्रतिशत को कई गुना बढ़ा कर किसानों को अधिक उत्पादन की सुविधाएँ पहुँचाते हुए उनकी आमदनी बढ़ाने में सहयोग किया गया। किसान को शिक्षित कर आर्थिक लाभ दिलवाने, सभी तरह के अनाजों की खरीद की उचित व्यवस्था कर किसानों की जिंदगी बदलने का कार्य किया गया। मध्यप्रदेश में सोलर पंप का उपयोग बढ़ रहा है। इस पर केन्द्र और राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा से चलित पम्पों का इस्तेमाल करेंगे। केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी के मार्गदर्शन में इथेनाल के प्लांट भी लगाए जाएंगे। इथेनाल से निर्मित फ्यूल से पेट्रोल और डीजल के उपयोग से हो रही विदेशी मुद्रा का खर्च बचाने का प्रयास करते हुए पर्यावरण-संरक्षण का कार्य भी करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर में लगातार वृद्धि के विशेष प्रयास किये गये। प्रदेश की कृषि विकास दर को उच्चतम स्थिति में रखने का प्रयास रहा है। वर्तमान में यह 18 प्रतिशत है, जो अन्य प्रांतों से अधिक है। एग्रो विजन से किसानों को मार्गदर्शन देने का कार्य श्री नितिन गडकरी कर रहे हैं। ऐसे कार्य मध्यप्रदेश सीखना चाहता है। अनुकरणीय और श्रेष्ठ कार्य सीखना ही चाहिए। मध्यप्रदेश में काफी कुछ किया गया है, लेकिन जिस ढंग से तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने की प्रेरणा देने का कार्य श्री गडकरी कर रहे हैं, वो सराहनीय है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भी यही मंशा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित उनके अनेक नवाचार प्रेरणा का कार्य करते हैं। श्री नितिन जी ने आज भी अनेक नवाचारों की जानकारी दी है। विदर्भ ही नहीं संपूर्ण भारत में एग्रो विजन किसानों को शिक्षित करने और मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एग्रो विजन के सुझावों को मध्यप्रदेश की धरती पर लागू करने का कार्य किया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर निरंतर बढ़ी है। मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में और भी बेहतर परिणाम देगा। उन्होंने कहा किऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों की उपयोगिता और उनके लाभ के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान अन्न प्रदाता होने के साथ ही ऊर्जा प्रदाता भी बन रहा है। अद्यतन तकनीकों का उपयोग किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार बन रहा है। विदर्भ के किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीक और नए व्यवसाय से अवगत करवाने, उनकी आय में वृद्धि करवाने, खेती को अधिक लाभदायक बना कर किसान को सुखी, संपन्न और समृद्ध बनाने के उद्देश्य से हर साल नागपुर में एग्रो विजन किया जाता है। श्री गडकरी ने बताया कि एग्रो विजन का यह 13वां वर्ष है। इसमें किसान, कृषि विशेषज्ञ और कृषि प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। चार दिन के इस आयोजन में विभिन्न विषय पर कार्यशाला, राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी, सेमीनार एवं संगोष्ठियों के महत्वपूर्ण सत्र होंगे। खाद्य, चारा और ईंधन पर केन्द्रित भविष्य की कृषि पर विचार करते हुए इस क्षेत्र में अनुसंधान से एकीकृत प्रौद्योगिकी के विकास पर व्यापक चर्चा करना एग्रो विजन का मुख्य उद्देश्य है।
50 लाख से अधिक किसान देख चुके हैं कृषि प्रदर्शनी
एग्रो विजन में प्रदर्शनियों के जरिये से किसानों को नवीनतम तकनीक की जानकारी दी जाती है। लगभग 400 कार्यशालाओं में करीब 700 विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिला है, जिसका लाभ 4 लाख से अधिक किसान बंधु ले चुके हैं। करीब 2500 कम्पनियों ने कृषि क्षेत्र के उत्कृष्ट कार्यों का प्रदर्शन किया। इनमें बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भी शामिल हैं। कृषि विश्वविद्यालयों के विद्वानों ने भी किसानों का मार्गदर्शन करने का कार्य किया। प्रदर्शनियों का अवलोकन 50 लाख से अधिक किसान कर चुके हैं। विदर्भ क्षेत्र में जैविक कृषि, कपास उत्पादन, मत्स्य-पालन, बाँस उत्पादन, बागवानी के कार्यों से किसानों को जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान और केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने एग्रो विजन-2022 की डायरेक्ट्री का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि, किसान संगठनों के सदस्य और नागरिक उपस्थित थे।
0 टिप्पणियाँ