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राजस्व अधिकारी जन अपेक्षाओ मे खरा उतरें - कलेक्टर

 

दिसंबर माह में सीमांकन अभियान चलाने के कलेक्टर ने दिए निर्देश

उमरिया - राजस्व अधिकारी आम जनता , शासन प्रशासन की अपेक्षाओ मे खरा उतरे। राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण  हो, अधिकारी एवं उनके स्टाफ का व्यवहार आम जनता के प्रति अच्छा तथा जवाबदारी भरा होना चाहिए। यह निर्देश कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी ने राजस्व अधिकारियो की बैठक मे दिए। बैठक में एसडीएम बांधवगढ़ एवं पाली सिद्धार्थ पटेल, समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक एवं प्रबंधक लोक सेवा गारंटी शुभांगी मित्तल उपस्थित रही। 

 कलेक्टर ने बैठक में कहा कि  राजस्व अधिकारी दिसंबर माह में विषेष अभियान चलाकर प्रकरण का निराकरण करे। संबंधित तहसीलदार राजस्व निरीक्षको तथा पटवारियो के दल बनाकर जिम्मेदारी सौपी , इसकी मॉनीटरिंग दैनिक की जाएगी। कलेक्टर ने नामांतरण तथा बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण लक्ष्य बनाकर करने के निर्देष दिए। राजस्व अधिकारी स्वयं अपने न्यायालय के प्रकरणों पर नजर रखे तथा 90 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण का लक्ष्य रखें । उन्होंने कहा कि  जन सेवा अभियान में प्राप्त आवेदनों का निराकरण कर लें। लोक सेवा गारंटी मे आने वाली सेवाओं के प्रकरण समय सीमा में बाह्य नही होना चाहिए। जिन प्रकरणों में शासन द्वारा राहत राशि दी जाती है उन प्रकरणों मे त्वरित सहायता दी जाए। आवेदक को समय पर नकल मिल जाए । संबंधित लोक सेवा केंद्र तथा तहसीलदार मॉनीटरिंग करे। 

 उन्होंने कहा कि भू अर्जन के प्रकरणों में शिविर लगाकर मुआवजा का वितरण किया जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन हितग्राहियों के पास स्वयं का आवास बनाने के लिए भू खण्ड नहीं है, उन्हें स्वयं का आवास बनाने के लिए 60 वर्गमीटर का भू खण्ड उपलब्ध कराया जाना है। कलेक्टर ने प्राप्त आवेदन का परीक्षण कर भू खण्ड वितरण के प्रस्ताव शीघ्र तैयार किये जांय, अभी जिले में 73 पट्टे तैयार किये गए हैं.। स्वामित्व योजना में गाँव की आबादी भूमि आवास बनाकर निवास कर रहे लोगों को अधिकार अभिलेख प्रदान किया जाना है, जिले में 134 ग्रामों में अभिलेख तैयार कर लिए गए हैं, । धारणा अधिकार अभियान के तहत 253 आवेदकों के पात्रता की जांच कर ली गयी है। 

कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों की आधार सीडिंग, ई के वाय सी तथा लैंड रिकॉर्ड लिंकिंग करायें, राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत दी जाने वाली सहायता राशि के प्रकरण अनिवार्य रूप से दर्ज हो तथा शीघ्रता के साथ राहत राशि अनिवार्य रूप से मिल जाये, यह सहायता जनहानि, पशु हानि, फसल हानि तथा प्राक्रतिक प्रकोप के प्रकरण आते हैं। सभी राजस्व अधिकारी सीएम हेल्पलाइन के आवेदनों की नियमित मानीटरिंग करें तथा एल वन स्तर के अधिकारी को जवाबदारी सौंपे। संबंधित अधिकारी मैदानी अमले को सी एम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण का दायित्व सौपें। 

(अन्जनी राय की रिपोर्ट)

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