कवियों ने लोकतंत्र को मजबूत बनानें हेतु कविताओं के माध्यम से दिया संदेश
उमरिया-13वें मतदाता दिवस के अवसर पर सामुदायिक भवन उमरिया में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में उमरिया जिले सहित अन्य जिलो के कवियों ने भाग लिया तथा बघेली भाषा में अपनी रचनाओ के माध्यम से बिना किसी भय, लालच, जाति, धर्म, भाषा क्षेत्र का पक्षपात किए निर्भय होकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान अवश्य करनें का संदेश दिए। कवि सम्मेलन में रीवा से आये कवि उमेश मिश्रा लखन, कामता माखन, शिवानंद पटेल तथा उमरिया जिले के कवि जगदीश पयासी, शंभू सोनी पागल, अनिल मिश्रा, रामलखन सिंह चौहान, संतोष द्विवेदी, राम निहोर तिवारी, युवा शायद कुलदीप कुमार ने लोकतंत्र की मजबूती तथा सामाजिक मूल्यों पर आधारित कविताओं का वाचन किया। उमेश मिश्रा लखन ने कहा कि न लालच पाला, पउआ और नोट से कीमत जाना वोट के । कुलदीप कुमार शायर ने कहा कि कटने लगी है और अभी सोई रात बाकी है - आओ हम मिलकर नई रोषनी मनाते है । वरिष्ठ कवि जगदीष पयासी कहा कि गांव भरे के सेते गारी खायन- मन करिस ससुराल जांय के।
शंभू सोनी ने लोकतंत्र को मजबूत करने हेतु संदेष दिया कि प्रत्याषी का हो नफा अथवा नुकसान, लोकतंत्र के पक्ष में होता है मतदान। कवि अनिल मिश्रा ने कहा कि जनसंख्या बढ़ने का सिलसिला होता है - रूके कैसे जब दूध में यूरिया मिला होता है। जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष द्विवेदी ने कहा कि गिरती, उठती पग पग पर जूझती ,टूटती, फूटती , उलझती, सुलझती, दुनिया की सबसे बड़ी खोज है वोट , वोट है जिसने बदल दिए अध्यात्म व राजनीति के मूल्य , इंसानो की भीड़ को नागरिक बनाया मित्रों जागरूक बनिए , वोट को ताकत में बदलिए। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डा राम निहोर तिवारी ने कहा कि कबीरदास जी ने बांधवगढ़ में 49 वर्ष 11 माह 12 दिन तक रहकर अपनी रचनाएं रची। उन्होंने कविता के माध्यम से कहा कि सोए संकल्प सुगबुगाएं , रजनी के पग थर थराएं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इला तिवारी ने कवियों का शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मतदाता ही लोकतंत्र की नींव रखता है। भारत निर्वाचन आयोग की मंषा है कि 18 वर्ष की आयु प्राप्त होते ही प्रत्येक युवा का नाम मतदाता सूची में जुड़ जाए। इसके लिए शासन प्रषासन के साथ ही राजनैतिक दलों एवं समाज को भी अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा। हमें अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों की भी बात करनी चाहिए। कवि सम्मेलन में आए कवियों तथा मतदाता दिवस के अवसर पर उपस्थित जनों का उन्होंने आभार व्यक्त किया।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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