उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बाँधवगढ टाइगर रिसर्व में दुर्लभ वन्य जीव शिकारियों के निशाने पर है आये दिन शिकारी करंट लगाकर इस जीव को मौत के घाट उतार रहे हैं,एक बार फिर शिकारियों ने दुर्लभ वन्य जीव चीतल को अपना निशाना बनाया है घटना पार्क के पनपथा बफर परिक्षेत्र की है जहां मुखाबिर की सूचना और पार्क की टीम ने घेराबंदी कर राजेश महोबिया और राजेंद्र महोबिया को चीतल के मांस सहित गिरफ्तार किया,मौके से एक अन्य आरोपी रमेश महोबिया भाग गया,इन सभी आरोपियों ने पहले खेत मे करंट का जाल बिछाकर चीतल का शिकार किया फिर उसका मांस पकाकर खाने के फिराक में थे जहां पार्क की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया,पार्क प्रबंधन ने मौके से जी आई तार ,खून से सनी कुल्हाड़ी, खून से सनी लकडी का गुटका,चीतल का मांस भी बरामत किया है।आरोपियों के विरुद्ध वन्य प्राणी सरंक्षण अधिनियम १९७२ की धारा 9,39,51,52 के कार्यवाही कर अपराधियों को कोर्ट में प्रस्तुत किया जहा से न्यायालय द्वारा अपराधियों को जेल भेज दिया गया।
शिकार की घटनाओं को रोकने में प्रबंधन नाकाम।
बाँधवगढ टाइगर रिसर्व सहित सामान्य वन मंडल को मिलाकर एक माह के भीतर जंगली जीवो के शिकार के तीन मामले आ चुके हैं जिसमे दुर्लभ वन्य जीव का बाघ तक का शिकारियों ने करंट लगाकर शिकार किया,वहीं पार्क प्रबंधन में हालिया घटना के अलावा धमोखर बफर में चीतल का शिकार हुए जिसके कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं।टाइगर रिसर्व प्रबंधन और वन विभाग शिकार की घटना के बाद आरोपियों की धरपकड़ में तो माहिर है लेकिन शिकारियों की मंशा पर पूरी तरह से लगाम कसने में दोनों नाकाम हैं।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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