उमरिया -आम जन तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में तैनात मैदानी अमला से लेकर जिला चिकित्सालय तथा चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को समन्वित रूप से टीम भावना के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे जनता की यह राय बनें कि चिकित्सक एवं चिकित्सालय हमारे स्वास्थ्य के लिए संचालित है। यह तभी संभव है जब चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ समय पर चिकित्सालयों में उपलब्ध रहें तथा वहां आने वाले प्रत्येक रोगी को इलाज एवं आवष्यक मार्गदर्षन मिले।कलेक्टर डा कृष्ण देव त्रिपाठी ने यह निर्देष जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा आर के मेहरा, अर्जुन सिंह सैयाम, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास दिव्या गुप्ता, डीएचओ डा संतोष चौधरी, डीपीएम, टीकाकरण अधिकारी डा ऋचा गुप्ता, सिविल सर्जन डा के सी सोनी, आरएमओ संदीप सिंह, रोहित सिंह सहित खण्ड चिकित्सा अधिकारी , एवं अन्य विभागीय अमला उपस्थित रहा।
कलेक्टर ने कहा कि सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम का प्रभावी संचालन हो । संबंधित कार्यक्रमों के प्रभारी अधिकारी नियमित रूप से कार्यक्रम संचालन की मॉनीटरिंग करें तथा शासन के लक्ष्यों के अनुरूप समय सीमा में लक्ष्य प्राप्त किये जाए। जहां भी कमियां हो उन्हें समय पर संबंधित स्टॉफ को बताकर दूर कराई जाए। चिकित्सालयो की साफ सफाई, आउटडोर की व्यवस्था, दवाओं की उपलब्धता, पैथालॉजी जांच आदि व्यवस्थित रूप से संचालित हो। चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ प्रातः 9 बजे से 2 बजे तक तथा सायं 5 से 6 बजे तक उपस्थित रहे। इससे संबंधित बोर्ड लगाएं जाएं तथा डयुटी डाक्टर से नाम भी लिखवाएं जाएं। अप्रैल माह से सार्थक एप्प के माध्यम से ऑनलाईन उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी। ओपीडी का रिकार्ड निचले स्तर पर भी दैनिक रूप से संधारित किया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में गर्भवती माताओं का पंजीयन तथा उनकी नियमित जांच को व्यवस्थित करनें से स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में अप्रत्याषित उपलब्धि प्राप्त की जा सकती है। इसलिए एएनसी जांच के लिए अप्रैल माह में विषेष अभियान चलाया जाए । मतदाता सूची के आधार पर घरों का नंबर देकर घर घर का सर्वे कराकर गर्भवती माताओं का पंजीयन एवं उनका स्वास्थ्य परीक्षण सुनिष्चित किया जाए। आपने एनीमिया मुक्त भारत के लिए नियमित रूप से हीमोग्लोबिन की जांच करानें तथा जिनके हीमोग्लोबिन कम पाई जाती है , उनका उपचार करानें के निर्देष दिए। बैठक में कलेक्टर ने दस्तक अभियान, टीकाकरण अभियान, पोषण पुर्नवास केंद्र, क्षय नियंत्रण , कुत्ते के काटने पर रैबीज से बचाव से संबंधित इंजेक्षन लगाने , वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण की व्यवस्था , कुष्ठ रोग से बचाव , मातृत्व मृत्यु दर कम करने हेतु किए जा रहे उपाय, मलेरिया नियंत्रण, काया कल्प अभियान, 108 वाहनों की उपलब्धता , अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनाने तथा जिनके आयुष्मान कार्ड बन गए है उन्हें उन कार्डो से सेवाएं दिलवानें की समीक्षा की।
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