उमरिया .महिलाएं स्व सहायता समूहों से जुड़कर परिवार के संचालन में सहायक सिद्ध हुई है। आज महिलाएं पुरूषों से कंधा से कंधा मिलाकर बराबरी पर कार्य रही है तथा जिले, प्रदेश एवं देश में अपना रोशन कर रही है। महिलाएं स्व सहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न वस्तुओं का निर्माण कर उनका विक्रय कर रही है तथा आय अर्जित कर रही है। उक्त आशय के उदगार रेखा तिवारी क्षेत्रीय प्रबंधक मप्र ग्रामीण बैंक ने जिला पंचायत सभागार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से महिलाओं का योगदान रहा है। महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपने आप को बेहतर साबित किया है। पहले जो महिलाएं घूंघट में रहकर गृहस्थी का कार्य करती थी, वे स्व सहायता समूहों से जुड़कर परिवार के संचालन में हांथ बंटा रही है। महिलाओं का आव्हान करते हुए कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य महिलाओं को स्व सहायता समूह के माध्यम से सक्षम , शिक्षित बनाना है। जब महिलाएं सक्षम एवं षिक्षित होगी तो जिला, प्रदेश एवं देष का विकास होगा।
कार्यक्रम को निधि मिश्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि स्व सहायता समूहों से महिलाएं सशक्त हुई है तथा आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर हो रही है। इस अवसर पर जिला समन्वयक ग्रामीण आजीविका मिशन प्रमोद शुक्ला, कामना त्रिपाठी, तृप्ती गर्ग, माधुरी शुक्ला, साक्षी , मनीषा काण्ड्रा, हर्ष जी सहित बड़ी संख्या में स्व सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही। कार्यक्रम के शुभारंभ में मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया । कार्यक्रम दौरान स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा स्वागत गीत, मध्यप्रदेश गान तथा स्व सहायता समूह के 13 नियमों को गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन कामना त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम में कामना त्रिपाठी ने बताया कि जिले में 5469 स्व सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है जिसमें 63851 सदस्य जुडे है। ग्राम संगठन की संख्या 494 है। संकुल स्तरीय संगठन 20, खाता खुले समूहो की संख्या 4948, चक्रीय कोष प्राप्त समूहों की संख 3070 है। जारी चक्रीय कोष की राशि 3 करोड़ 67 लाख 3 हजार रूपये, सामुदायिक निवेश प्राप्त समूहों की संख्या 1244, सामुदायिक निवेष की राशि 11 करोड़ 64 लाख 40 हजार रूपये है। इसके साथ ही समूहों द्वारा संचालित अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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