कन्या शिक्षा, कुरीतियो को समाप्त करने तथा अस्पृश्यता निवारण के लिये ज्योतिबा फुले को सदैव याद किया जायेगा - कलेक्टर
उमरिया । प्रदेश शासन के निर्देशानुसार महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पूरे श्रद्धा के साथ मनाई गई। कलेक्टर सभागार मे आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर डा कृष्ण देव त्रिपाठी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज के गरीब एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए काम किया, उनके द्वारा कन्या शिक्षा , अस्पृश्यता निवारण तथा कुरीतियों को दूर करने के लिए किए गए प्रयासों को सदैव याद रखा जाएगा। आपने कहा कि महात्मा फुले जी के प्रयासो से समाज मे सामाजिक समरसता आई । ऐसे महात्मा को कोटि कोटि नमन। इसके पूर्व कलेक्टर ने महात्मा ज्योतिबा फुले के छाया चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम मे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इला तिवारी, संयुक्त कलेक्टर कमलेश पुरी एवं एच आर धुर्वे, एसडीएम बांधवगढ़ सिद्धार्थ पटेल सहित विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले महान विचारक , समाज सुधारक, लेखक एवं सत्य शोधक समाज के संस्थापक रहे। उन्होंने जीवन भर गरीबों , महिलाओं तथा शोषित समाज के उत्थान के लिए काम किया, उनकी पत्नी सावित्री फुले ने कन्या शिक्षा की अलख जगाई। पति और पत्नी ने मिलकर बाल विवाह को समाप्त करने तथा विधवा विवाह को बढ़ावा देने का कार्य किया। उनका प्रयास आडंबर रहित समाज की स्थापना का था। प्राचार्य प्रदीप सिंह गहलोत ने कहा कि महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे मे हुआ था। यह वह समय था जब सामाजिक कुरीतियो का जोर था । पुरूष प्रधान समाज था। महिलाओ को पर्दे के बाहर षिक्षा आदि के अवसर नही मिल पाते थे। उन्होंने 21 वर्ष की उम्र मे स्कूल की स्थापना की तथा षिक्षक के अभाव मे अपनी पत्नी सावित्री फुले को पहली षिक्षक के रूप मे समाज को सौगात दी। उन्होंने जीवन के अंतिम समय मे सत्य शोधक समाज की स्थापना की। कार्यक्रम का संचालन सुषील मिश्रा द्वारा किया गया। जिला षिक्षा संस्थान मे भी ज्योतिबा फुले की जयंती पर परिचर्चा एवं संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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