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उमरिया में रानी दुर्गावती गौरव यात्रा का हुआ भव्य स्वागत

 

रानी दुर्गावती चौक पर बैतूल सांसद एवं यात्रा प्रभारी सहित अन्य अतिथियों ने रानी दुर्गावती को माल्यार्पण कर, किया याद

उमरिया.वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता और बलिदान गाथा को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के छिंदवाड़ा से निकली वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा बैतूल के सांसद दुर्गा दास उइके के नेतृत्व में उमरिया स्थित रानी दुर्गावती सामुदायिक भवन में पहुंची। यात्रा के पूर्व में रानी दुर्गावती चौक पर वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व को याद किया गया। 

 बैतूल सांसद एवं यात्रा प्रभारी दुर्गादास उइके ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने मुगलों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपना बलिदान दिया था, वे स्वधर्म-संस्कृति और स्वाभिमान के लिए अंतिम सांस तक लड़ी। रानी दुर्गावती सुशासन की सूत्रधार थीं। रानी दुर्गावती अदम्य साहस और शौर्य की प्रतीक थी। वीरांगना रानी दुर्गावती के अदम्य साहस और संघर्ष का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अकबर की सेनाओं को तीन बार पराजित किया था। तब आसफ खाँ ने विशाल सेना लेकर अक्रमण किया और जब यह लगा कि अब विजय कठिन है तो रानी दुर्गावती ने अपनी कटार सीने में उतार कर अपना बलिदान दे दिया। रानी दुर्गावती हम सबकी श्रद्धा और आस्था की केन्द्र हैं, रानी माँ हमें स्वाभिमान, सम्मान और स्वधर्म के लिए सब कुछ न्यौछावर करने के लिए प्रेरित करती हैं। वे सुशासन की प्रतीक हैं। उनके द्वारा बनवाए गए तालाब और मंदिर आज भी जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुसूचित जन जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कल सिंह भवर ने कहा कि रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर 22 जून से पाँच यात्राएँ आरंभ हुई हैं। छिंदवाड़ा से प्रारंभ हुई यात्रा अलग-अलग गाँवो से होते हुए आज उमरिया पहुंची है । रानी दुर्गावती  के बलिदान की गाथा जनता के बीच रखते हुए 27 जून को यह गौरव यात्रा शहडोल पहुँचेंगी। उन्होने कहा कि हमारे बच्चे और आज की पीढ़ी रानी दुर्गावती की गाथाओं से प्रेरित हों, इसके लिए आवश्यक है कि जहाँ-जहाँ से यात्रा निकले वहाँ के लोग अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में शामिल हों और वीरांगना रानी दुर्गावती को श्रद्धा-सुमन अर्पित करें। वीरांगना रानी माँ दुर्गावती के बलिदान दिवस पर हम संकल्प लेते हैं कि अपनी जनता को सुशासन देंगे, अपने देश पर कभी आँच नहीं आने देंगे और जरूरत पड़ी तो अपने देश पर सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहेंगे।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक बांधवगढ़ षिवनारायण सिंह ने कहा कि आदिवासी समुदाय की एक गौरवशाली संस्कृति रही है। उन्होंने अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वश्व न्योछावर कर दिया था, इसमें रानी दुर्गावती ने अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया था। रानी दुर्गावती ने आदिवासी समुदाय के मान-सम्मान और स्वाभिमान तथा संस्कृति एवं परम्पराओं से समझौता नहीं किया और देश की रक्षा के लिये मुगल आक्रांताओं से बहादुरी से लड़ते हुये अपने प्राणों की आहुति दे दी। रानी दुर्गावती एक कुशल प्रशासक थी उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की थीं। उनके समय में गोंडवाना क्षेत्र देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र रहा। 

 इस अवसर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी किषन सिंह, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद रविन्द्र शुक्ला, जनप्रतिनिधि राकेष शर्मा, संतोष सिंह, विनय मिश्रा, शंभू लाल खट्टर, कमल सिंह, संजय तिवारी, राजेंद्र कोल, दिवाकर सिंह,  सहदेव सिंह, पार्षद सविता सोधिंया, नवांकुर संस्था प्रतिनिधि संतोष त्रिपाठी, अनुराग तिवारी परामर्शदाता राघवेंद्र द्विवेदी, जय भारती साहू सहित सीएमसीएलडीपी छात्र भूपेंद्र शर्मा, अंजली सेंगर, मेनका सिंह, पंकज कोरी, प्रकाश असाटी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीरज चंदानी ने किया।

(अंजनी राय की रिपोर्ट)

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