उमरिया। उमरिया में आदिवासी पार्षदों को अपमानित कर नगरपालिका के भ्रष्टाचार की जांच रोकने का सामने आया मामला,50 लाख रुपये की राशि अनियमित खर्च करने का मामला,परिषद के आदेश पर भंडार ग्रह का सत्यापन करने गई थी नपा के पार्षदों की टीम,सीएमओ के पति ने आदिवासी पार्षदों अपमानित कर जांच से रोका और मौके से भगाया। नगरपालिका उमरिया के सीएमओ द्वारा नियमविरुद्ध तरीके से तकरीबन पचास लाख रुपये की खरीदी की शिकायत के मामले में जांच करने गई आदिवासी पार्षदों की टीम को सीएमओ ज्योति सिंह के पति के द्वारा अपमानित कर जांच प्रभावित करने का मामला सामने आया है घटना के दौरान सीएमओ पति के बर्ताव का बाकायदा वीडियो भी बनाया गया है,पार्षदों के मुताबिक तकरीबन पचास लाख रुपये की राशि की सामग्री सीएमओ ज्योति सिंह के द्वारा नियमो को ताक पर रखकर चहेते ठेकेदारों को काम देकर किया गया,इस खरीदी में शासन के द्वारा तय नियमो का भी जमकर उल्लंघन किया गया इस घोटाले की जांच करने के लिए परिषद के सभी 24 पार्षदों ने चार पार्षदों और नगर पालिका के अधिकारियों की संयुक्त टीम के द्वारा कराने के निर्देश दिए,खास बात यह कि सीएमओ के द्वारा किये गए घोटाले की जांच के मामले में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस भी एकमत हो गए,जांच टीम में दो आदिवासी पार्षदों के अलावा दलित और अल्पसंख्यक समुदाय से भी एक-एक पार्षदों को शामिल किया गया था लेकिन खरीदी गई सामग्री का सत्यापन करने जब पार्षद भंडार गृह पंहुचे तो सीएमओ के पति ने उन्हें रोक लिया और उनका अपमान कर उन्हें जांच से रोका अभद्र व्यवहार किया,आहत पार्षद बिना जांच किये बैरंग वापस लौट आये और अपने साथ हुए बरताव की शिकायत पंचनामा के माध्यम से उच्च अधिकारियों से करते हुए कार्यवाही की मांग की है।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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