जन जातीय शिल्पियों को आपूर्तिकर्ता के रूप में ट्राईफेड के साथ जुड़ने का सुनहरा अवसर - विधायक बांधवगढ़
उमरिया । जिला मुख्यालय स्थित रानी दुर्गावती सामुदायिक भवन उमरिया में एक दिवसीय ट्रायवल आर्टिजन इम्पैनमेंट मेला संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिव नारायण सिंह ने कहा कि जन जातीय शिल्पियों को आपूर्तिकर्ता के रूप में ट्राईफेड के साथ जुड़ने का सुनहरा अवसर है । प्रदेश सरकार द्वारा जन जातीय समाज द्वारा बनाई जाने वाली कलाकृतियों के निर्माण में और अधिक दक्षता लाने हेतु जहां वन धन योजना तथा ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से कौशल उन्नयन प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रही है वहीं अधिक से अधिक ग्रामीण कलाकारों को जोड़कर उनके उत्पाद तैयार कराकर विभिन्न माध्यमों से विक्रय की व्यवस्था भी कर रही है । इसी श्रृंखला मे उमरिया सहित प्रदेश के विभिन्न आदिवासी अंचलों में ट्राईफेड द्वारा ट्रायवल आर्टिजन मेला लगाए जा रहे है । सरकार की इस पहल से जहां आदिवासी संस्कृति का प्रचार प्रसार होगा, वहीं आदिवासी समाज के लोगों को आजीविका के नये अवसर भी मिलेगे। उन्होंने मेले में भाग लेने वाले आदिवासी कलाकारों से मुलाकात कर प्रोत्साहित किया तथा उनके द्वारा बनाये गए उत्पादों को विक्रय एवं मूल्य संवर्धन हेतु प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी । इसके पूर्व विधायक एवं पद्मश्री से पुरस्कृत उमरिया जिले की आदिवासी पेटिंग की अंतर्राष्ट्रीय कलाकार जोधईया बाई ने दीप प्रज्जवलन कर मेले का शुभारंभ किया ।
इस अवसर पर संजय कठिया, विजया लक्ष्मीक तारा ट्राईफेड दिल्ली, योगेश यादव ट्राईफेड भोपाल, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, वनमण्डदलाधिकारी मोहित सूद, संयुक्त कलेक्टर नेहा सोनी, अनुविभागीय अधिकारी वन कुलदीप त्रिपाठी, एनआरएलएम के जिला समन्वंयक प्रमोद शुक्ला सहित कलाकार , गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।
सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि जिले के गौरव का विषय है कि जन जातीय कलाकारों ने अपनी परंपराओं को नही छोड़ा है । कलाकारों के द्वारा बैगा आर्ट, कोदो कुटकी की प्रोसेसिंग सहित औषधीय पौधों की खेती कर रहे है । जिले में जन जातीय वर्ग के कलाकारों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था तथा बाजार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है ।
वनमण्डलाधिकारी मोहित सूद ने कहा कि उमरिया आदिवासी बाहुल्य जिला है । वन विभाग की तीन योजनाओं का क्रियान्ववयन ट्राईफेड के माध्यम से हो रहा है, जिसमें लघु वनोपज, वन धन योजना एवं सुदूर क्षेत्रों में वनोपज के भण्डारण की व्यवस्था शामिल है ।
दिल्ली से आए संजय कठिया ने कहा कि ट्राईफेड कार्पाेटिव संस्था है , जो आपके द्वारा निर्मित की गई वस्तुओं के सेंपल लेकर बाजार में विक्रय की व्यवस्था कराता है । प्रदेश सरकार की मदद से 87 उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है । उन्होने कहा कि जन जातीय कलाकार अपने उत्पाादों में और अधिक निखार लाएं। एक दिवसीय मेले में जिले के आदिवासी कलाकारों द्वारा बैगा आर्ट, पेटिंग आर्ट, महुआ उत्पाद, मोटे अनाज, कोदो कुटकी से बनी खाद्य सामग्री, छींदी से बनी कलाकृतियां, लौकी, तरोई पर बनी कलाकृतियां, बांस एवं काष्ठ से बने शिल्प प्रदर्शित किए गए थे, जिसका अवलोकन भी अतिथियों के द्वारा किया गया । मंच का संचालन एनआरएलएम के जिला समन्वयक प्रमोद शुक्ला ने किया .
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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