कलेक्टर ने गर्भवती माताओं का शत प्रतिशत पंजीयन करानें, कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी मे लाने तथा क्षमता के अनुसार एनआरसी में बच्चों को दाखिल कराने के दिए निर्देश
उमरिया । कलेक्टर डा0 के डी त्रिपाठी ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं , हितग्राही मूलक योजनाओं की समीक्षा करते हुए गर्भवती माताओं का शत प्रतिशत पंजीयन करानें, कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी मे लाने तथा क्षमता के अनुसार एनआरसी में बच्चों को दाखिल कराने के निर्देष दिए। आपनें कहा कि गर्भवती माताओं के पंजीयन के साथ ही उनकी ट्रैकिंग, बच्चे के जन्म के बाद कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन तथा उनके सामान्य श्रेणी में आने तक किया जाए। कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए आवष्यक है कि सभी कुपोषित बच्चे जिन्हें एनआरसी में भर्ती किया जाना है वे अनिवार्य रूप से एनआरसी में भर्ती हो तथा उनका लगातार फालोअप किया जाए । उनके अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाए तथा बच्चे के आहार एवं लक्षणों के संबंध में जानकारी ली जाए । सभी बच्चों का समय पर टीकाकरण हो जाए । गर्भवती माताओं को टेक होम राशन का लाभ दिया जाए । आंगनबाड़ी केन्द्रों में मीनू के अनुसार नास्ता एवं भोजन दिया जाए । बैठक में कलेक्टर ने लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, वन स्टाप सेंटर की गतिविधियों तथा बाल आर्षीवाद योजना की भी समीक्षा की । इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास भरत सिंह राजपूत, सहायक संचालक राजीव गुप्ता, दिव्या गुप्ता, मनमोहन सिंह कुशराम, परियोजना अधिकारी तथा पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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