Ticker

6/recent/ticker-posts

सीधी पेशाब कांड से आहत आदिवासियों  ने शुरू किया समाज का शुद्धिकरण


सीधी पेशाब कांड से आहत आदिवासी समुदाय पारंपरिक शुद्धिकरण कर रहा है जिसकी शुरुआत उमरिया जिले से हुई है ग्राम बलहौण्ड के टिकुरी टोला में बीते दिनों आदिवासी समाज ने अपने पारम्परिक रीति नीति से समाज का शुद्धिकरण जिसका नाम निक निकाई है किया है,आदिवासी समाज शुद्धिकरण की इस प्रक्रिया को पूरे मध्यप्रदेश में करने की रणनीति पर काम कर रहा है।

देखे वीडियो-



उमरिया। नजिले के बल्हौड टिकरीटोला पंचायत मे बीते सीधी पेशाब कांड से आहत  आदिवासी समाज द्वारा अपने ग्राम देवी खेरमाता स्थल पर परम्परागत सुद्धीकरण *नीक निकाई* का आयोजन की शुरुआत की गई है,पारंपरिक रीति रिवाज से गांव के पंडा देवार ने देवी को भाव भक्ती के साथ हूम धूप अर्पित कर समाज पर आये दोष को हटाने की अननुय विनय की किया,इस अवसर पर देवी गीत जस भगत गायन का आयोजन किया गया झण्डा अर्पित किया गया, बडी संख्या मे महिलाए कलश स्थापित कर प्रार्थना कर सामाजिक समृद्धि की कामना की,गांव और क्षेत्र के आदिवासी अपने इस परम्परागत सुद्धीकरण  *नीक निकाई* मे शामिल हुए जंहा पर मप्र आदिवासी कांग्रेस के आदिवासी स्वाभिमान यात्रा पंहुची और युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया प्रांताध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस रामू टेकाम और चन्द्रा सरवटे महिला आदिवासी कांग्रेस की प्रमुख शामिल हुये,आदिवासी पर किया गया पेशाब  के दोष निवारण के लिए किये गए इस अनुष्ठान से वे अपने को अकारण लगे दोष से मुक्त हुए महसूस किये,नीक निकाई के संयोजक एवं जनजतीय संस्कृतिकर्मी बाला सिंह तेकाम ने बताया  जब समाज अपनी परम्परा रीति-रिवाज का निर्वहन कर दोष निवारण करता है तो अपने को शुद्ध और पवित्र हुआ अनुभव करता है ऐसा आयोजन  पश्चात वंहा दिखाई पडा है, बाला सिंह तेकाम ने कहा कि वे अब गांव गांव 'नीक निकाई' (परम्परागत सुद्धीकरण ) का अभियान पूरे प्रदेश में चलाकर सीधी पेशाब कांड के दोष से मुक्त होने का अभियान चलायंगे ताकि ऐसी परिस्थित कभी न बने और दोषियो के आँख कान खुले।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ