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MP फिर बना टाइगर स्टेट,बाँधवगढ में 165 बाघ।



मध्यप्रदेश 785 बाघों के साथ फिर टाइगर स्टेट बन गया है,वहींबाँधवगढ में बाघों के आंकड़ा पंहुचा 165,दूसरी बार बाँधवगढ मे हुई तेजी से बाघों की वंशवृद्धि,MP को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में बाँधवगढ का विशेष योगदान,बाघ दिवस के मौके बाँधवगढ में हुए विविध आयोजन।


उमरिया।मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है,अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को बाघ गणना 2022 के जारी आकड़ो में पूरे देश मे 785 बाघों की संख्या के साथ MP एक नंबर पर हैं वहीं बाघों की वंशवृद्धि में बाँधवगढ टाइगर रिसर्व ने फिर एक बार परचम लहराया है,बाघ गणना 2022 के 29 जुलाई को जारी किए गए आकड़ो में बाँधवगढ में बाघों की संख्या 165 हो गई है जबकि ठीक इसके पूर्व 2018 की गणना में यहां 124 बाघ थे,यह दूसरा मौका है जब एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने बाँधवगढ टाइगर रिसर्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,जारी किए गए आकड़ो में जहां पूरे मध्यप्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 259 का इजाफा हुआ है वहीं अकेले बाँधवगढ में अकेले इनकी संख्या चार सालों में 41 बाघों की वृद्धि हुई है जो ग्रोथ रेट के मामले में पूरे एम्पीमे सबसे ज्यादा है,प्रबंधन ने इसके लिए अपने जमीनी अमले की कार्यकुशलता को जिम्मेदार बताया है,इसके अलावा बाघ सरंक्षण की दिशा में किये गए पार्क में वन्य जीवों की  सुरक्षा,आवास,आहार को लेकर भी बेहतर कार्यकुशलता से कार्य किया गया है।

बाँधवगढ में स्थापित हुआ शौर्य स्मारक



विश्व बाघ दिवस के मौके पर बाघ गणना के जो आंकड़े जारी किए गए हैं उससे बाँधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन खासा उत्साहित है,इस मौके पर ताला के आडोटोरियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बाघ सरंक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले वनकर्मियों एवं स्टेक होल्डर्स को सम्मानित किया गया,साथ ही पर्यावरण एवं वन्य जीव सरंक्षण विषय को लेकर स्कूली छात्रो के बीच कराई गई प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।इसके अलावा पार्क प्रबंधन ने  वन्य जीवों की सेवा के दौरान जान गंवाने वाले वनकर्मियों एवं अधिकारियों की याद में शहीद स्मारक का शिलान्यास कराया गया।

बाँधवगढ में बाघ गणना के नतीजों ने फिर एक बार बाघों की समृद्धि में विशेष योगदान दिया है,खास बात यह है कि पर्यावरण और वन्य जीव सरंक्षण पहले वन विभाग की जिम्मेदारी मानी जाती थी लेकिन अब सतत जागरूकता के कारण आम नागरिक भी इस मुहिम में पूरी भागीदारी निभा रहा है।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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