उमरिया।जिलेवासियों को वर्ष 2010 से केंद्रीय विद्यालय की सुविधा तो प्राप्त है लेकिन भवन न होने के कारण केंद्रीय विद्यालय स्तर की छात्रों को सुविधाएं नही मिल पा रही है,भवन निर्माण की दिशा में जब केंद्रीय विद्यालय संगठन ने निर्माण की राशि जारी कर दी तो आबंटित भूमि में वन विभाग के दावे के जिन्न बाहर आ गया,आनन फानन में वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने केंद्रीय विद्यालय के लिए आबंटित भूमि अराजी खसरा नम्बर छटन कैम्प 178 और 165 का नपाई की जिसमे ज्यादातर हिस्सा वन विकास निगम के प्लांटेशन के रूप में सामने आया और खसरा नंबर 165 में एक एकड़ की भूमि में और 178 में 80 डिसमिल जमीन में अतिक्रमण पाया गया है वन विभाग के एसडीओ कुलदीप त्रिपाठी ने बताया है कि राजस्व विभाग के द्वारा केंद्रीय विद्यालय के लिए आबंटित की गई भूमि वन विकास के कंपार्टमेंट नंबर 825 और 826 है जिसमे वर्षों पूर्व सागौन का प्लांटेशन किया गया है।
तब नही की आपत्ति,अब जागे
केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण के लिए वर्ष 2013 में तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा भूमि आबंटित की थी जिसमे आबंटन की समस्त प्रक्रियायों का पालन करते हुए वन विभाग को भी पत्र लिखकर अभिमत मांगा गया था लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने कोई जबाब ही नही दिया था जिसके बाद बाकायदा इश्तहार जारी करने और समयाविधि पूरी होने पर बाँधवगढ तहसील के अराजी खसरा नंबर 178/1 में 3.37 एकड़ एवं 165/1 में 3.75 एकड़ भूमि आबंटित कर दी गई थी,उस समय पर वन विभाग ने कोई आपत्ति नहीं जाहिर की लेकिन निर्माण कार्य शुरू होते ही वन विभाग ने अपना दावा ठोक दिया।
तो क्या आंख मूंदकर किया गया भूमि का आबंटन।
वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने केंद्रीय विद्यालय के लिए आबंटित भूमि का जब निरीक्षण किया तो यह बात खुलकर सामने आ गई कि तत्कालीन राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जमीन आबंटन करते समय आंख बंद कर ली थी उन्होंने न मौका मुआयना किया औरत ही अपने रिकार्ड खंगाले,आबंटित भूमि अराजी खसरा नम्बर छटन कैम्प 165 और 178 दोनों नंबर 1935 से वन विभाग के लिए नोटिफाइड हैं,वहीं एक और खास बात की 1972 में इसे नोटिफाइड तो किया गया जिसका खसरा कटा है और डीसीआर पंजी में भी दर्ज है लेकिन नक्शे में कहीं भी उसको काटा नही गया जिसके कारण वह नजर नही आ रहा जो राजस्व विभाग की जिम्मेदारी थी।
तो वापस हो जाएंगे निर्माण के लिए मिले ₹17 करोड़
केंद्रीय विद्यालय संगठन आयोग ने उमरिया में केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण के लिए तकरीबन 17 करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान की है जिसमे ₹167913157 सिविल वर्क एवं ₹17112635 विद्युत वर्क के लिए शामिल है तय समय पर निर्माण कार्य शुरू नही होने के दशा में यह राशि संगठन द्वारा वापस ले ली जाएगी और फिर दोबारा केंद्रीय विद्यालय भवन के लिए राशि जारी की जाएगी इसका कोई ठिकाना नही है।
लोगों में बढ़ रहा आक्रोश।
केंद्रीय विद्यालय उमारिया में संचालित हो रहे 13 वर्ष बीत चुके हैं विद्यालय प्राथमिक से हाई स्कूल हो चुका है लेकिन कक्षा 12वीं के संचालन के लिए भवन एक बड़ी जरूरत है जिसके न होने से यह संभव नही हो पा रहा है,भवन न होने से छात्र-छात्राओं को प्रेक्टिकल एवं खेल कूद सहित अन्य कई करीम मशक्कत के सामना करना पड़ रहा है वहीं भीषण गर्मी में शेड के नीचे अध्ययन करने से कई छात्रों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है,भवन निर्माण न होने से छात्र छात्राओं के अभिवावकों में रोष फैला है,सामाजिक संस्थाओं और नागरिक समाज के संयुक्त प्रयास से केंद्रीय भवन निर्माण संघर्ष समिति का गठन कर भवन निर्माण की मांग तेज कर दी गई है,संघर्ष समिति ने जिले के कलेक्टर,संभाग के कमिश्नर,सासंद को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र भवन निर्माण कराए जाने की मांग की है।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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