Fraud of 40 lakhs by pretending to be a railway officer, the accused arrested.
शिवपुरी।शहर के तुलसी नगर के रहने वाले दीपक जादौन और उसके ग्वालियर के रहने जीजा शिवम तोमर के साथ तीन ठगों ने रेलवे अधिकारी बनकर रेलवे के यार्ड से सस्ते दाम में स्क्रेप मटेरियल दिलाने के नाम पर 40 लाख रूपये की ठगी कर ली थी। इसकी शिकायत ठगी का शिकार होने वाले दीपक ने 13 अगस्त को कोतवाली में दर्ज कराई थी। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। आज पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसे बनी थी ठगी की योजना -
जानकारी के मुताबिक़ मुरैना जिले के रहने वाले विष्णु शर्मा की मुलाक़ात दिल्ली में फरीदाबाद के रहने बाले नवीन उर्फ़ अवदेश पासवान, नवीन ने अपने आप को रेलवे का बड़ा अधिकारी बताया था। कुछ समय बाद रेलवे यार्ड से स्क्रेप मटेरियल सस्ते दामों में दिलवाने के लिए किसी बड़ी पार्टी को तलाश करने की बात नवीन ने विष्णु शर्मा से कही थी। मोटे कमीशन के लालच में विष्णु ने ग्वालियर क्षेत्र में पार्टी की तलाश शुरू कर दी थी। इसी दौरान विष्णु के संपर्क में ग्वालियर का रहने बाला शिवम तोमर से हुई थी। शिवम ने फायदे का सौदा समझ शिवपुरी के रहने वाले अपने साले को इसी काम में मिला लिया था।
डील फायनल करने के लिए नवीन उर्फ अवेधश उर्फ सुरेश पासवान अपने एक साथी फरीदाबाद के रहने वाले शेषनाथ पाण्डे और विष्णु शर्मा के साथ शिवपुरी आये थे जहां रेलवे यार्ड से स्क्रेप मटेरियल सस्ते दाम में दिलवाने का ठेका 80 लाख रूपये में तय कर लिया था। इसकी वाकायदा कागजी कार्यवाही की गई थी। इसके बाद साले - जीजा को रेलवे यार्ड में घुमाकर नवीन पासवान ,शेषनाग पाण्डे और विष्णु शर्मा ने टुकड़ों में 40 लाख रूपये ऐंठ लिए थे। जब कुछ दिन बाद दीपक जादौन और उसके ग्वालियर के रहने जीजा शिवम तोमर को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ तब जाकर इसकी कोतवाली में दर्ज कराई गई।
बता दें कि फरीदाबाद के रहने वाले नवीन पासवान और शेषनाग पाण्डे मूलतः विहार के रहने वाले है दोनों पर पहले भी ठगी के कई मामले दर्ज है। जिसमे नवीन अधिकारी बन कर लोगों से मिलता था और शेषनाग इस ठगी की योजना के फर्जी हूबहू दस्तावेज तैयार करता था। इस ठगी में शामिल विष्णु पाण्डे भी दलाली का काम करता था जो दिल्ली में बैठे नेताओं के चक्कर लगाता रहता था।
कोतवाली प्रभारी विनय यादव का कहना है कि ठगी की शिकायत के बाद तीनों आरोपियों उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया है आरोपियों के पास से ढाई लाख रूपये बरामद किये गए है पूछताछ में शेष पैसे और इस गेंग में संलिप्त लोगों के वारे जानकारी पीआर लेने के बाद जुटाई जायेगी।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
ऐसे बनी थी ठगी की योजना -
जानकारी के मुताबिक़ मुरैना जिले के रहने वाले विष्णु शर्मा की मुलाक़ात दिल्ली में फरीदाबाद के रहने बाले नवीन उर्फ़ अवदेश पासवान, नवीन ने अपने आप को रेलवे का बड़ा अधिकारी बताया था। कुछ समय बाद रेलवे यार्ड से स्क्रेप मटेरियल सस्ते दामों में दिलवाने के लिए किसी बड़ी पार्टी को तलाश करने की बात नवीन ने विष्णु शर्मा से कही थी। मोटे कमीशन के लालच में विष्णु ने ग्वालियर क्षेत्र में पार्टी की तलाश शुरू कर दी थी। इसी दौरान विष्णु के संपर्क में ग्वालियर का रहने बाला शिवम तोमर से हुई थी। शिवम ने फायदे का सौदा समझ शिवपुरी के रहने वाले अपने साले को इसी काम में मिला लिया था।
डील फायनल करने के लिए नवीन उर्फ अवेधश उर्फ सुरेश पासवान अपने एक साथी फरीदाबाद के रहने वाले शेषनाथ पाण्डे और विष्णु शर्मा के साथ शिवपुरी आये थे जहां रेलवे यार्ड से स्क्रेप मटेरियल सस्ते दाम में दिलवाने का ठेका 80 लाख रूपये में तय कर लिया था। इसकी वाकायदा कागजी कार्यवाही की गई थी। इसके बाद साले - जीजा को रेलवे यार्ड में घुमाकर नवीन पासवान ,शेषनाग पाण्डे और विष्णु शर्मा ने टुकड़ों में 40 लाख रूपये ऐंठ लिए थे। जब कुछ दिन बाद दीपक जादौन और उसके ग्वालियर के रहने जीजा शिवम तोमर को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ तब जाकर इसकी कोतवाली में दर्ज कराई गई।
बता दें कि फरीदाबाद के रहने वाले नवीन पासवान और शेषनाग पाण्डे मूलतः विहार के रहने वाले है दोनों पर पहले भी ठगी के कई मामले दर्ज है। जिसमे नवीन अधिकारी बन कर लोगों से मिलता था और शेषनाग इस ठगी की योजना के फर्जी हूबहू दस्तावेज तैयार करता था। इस ठगी में शामिल विष्णु पाण्डे भी दलाली का काम करता था जो दिल्ली में बैठे नेताओं के चक्कर लगाता रहता था।
कोतवाली प्रभारी विनय यादव का कहना है कि ठगी की शिकायत के बाद तीनों आरोपियों उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया है आरोपियों के पास से ढाई लाख रूपये बरामद किये गए है पूछताछ में शेष पैसे और इस गेंग में संलिप्त लोगों के वारे जानकारी पीआर लेने के बाद जुटाई जायेगी।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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