मुख्यमंत्री सहित जिले के प्रशासनिक अफसरों के नाम पर शराब दुकान संचालकों से वीआईपी शुल्क मांगने वाली जिला आबकारी अधिकारी रिणी गुप्ता को लोकायुक्त पुलिस ने एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार,विंध्या समूह के ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्त रीवा की कार्यवाही,कांग्रेस हुई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के ऊपर हमलावर,कहा मुख्यमंत्री की शह पर अधिकारी मांगते हैं रिश्वत।उमरिया।लोकायुक्त रीवा की 15 सदस्यीय टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए जिला आबकारी अधिकारी रिणी गुप्ता को शराब संचालक ठेकेदार से एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है,बता दें जिला आबकारी अधिकारी रिणी गुप्ता द्वारा जिले के विंध्या समूह के ठेकेदार से मुख्यमंत्री सहित जिले के अन्य प्रशानिक अधिकारीयों की सुविधा शुल्क के नाम पर 30 हजार रुपये प्रति माह की रिश्वत मांगी जा रही थी,ठेकेदार नृपेंद्र सिंह के मुताबिक मुख्यमंत्री के चुनावी दौरे से लेकर अपर कलेक्टर एवं अन्य प्रशासनिक अफसर के लिए रिश्वत मांगी गई थी और दबाब बनाया जा रहा था जब शराब ठेकेदार ने रिश्वत देने से मना कर दिया तो जिला आबकारी अधिकारी ने उसकी शराब की दुकान से 14 पेटी शराब की जब्ती बनाई थी जबकि उक्त शराब की ड्यूटी ठेकेदार द्वारा जमा की गई थी,मजबुरन ठेकेदार ने मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी जिसके बाद लोकायुक्त ने घेराबंदी करते हुए चार माह की रकम एक लाख चालीस हजार रुपये की नगद रिश्वत जिला आबकारी अधिकारी को ठेकेदार से लेते हुए दबोच लिया,लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी के ऊपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की है वहां मामले के सामने आने के बाद विपक्षी कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के ऊपर हमलावर हो गई है कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अजय सिंह ने इस मामले में करारा हमला बोलते हुए कहा है कि राज्य सरकार पचास प्रतिशत कमीशन के भरोसे चल रही है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भृष्ट अधिकारियों को सरंक्षण देते हैं।सुविधा शुल्क को लेकर विवादों में रही रिणी गुप्ता
जिला आबकारी अधिकारी रिणी गुप्ता उमरिया में अपनी पदस्थापना के बाद से ही विवादों में रही हैं प्रशासनिक कार्यों में मनमानी से लेकर मातहत अधिकारियों से अपेक्षानुरूप कार्य व्यवहार न होने कारण कई बार अंदर खाने की बात बाहर चर्चा का विषय बनी रही,शराब ठेकेदारों से लाइसेंस के नाम पर जबरिया वसूली के रिणी गुप्ता पर कई बार आरोप लगे लेकिन लोकायुक्त कार्यवाही ने अंदर के सच को बाहर ला दिया है।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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