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आदिवासियों की खेती पर वनविभाग ने लगाई रोक,कलेक्टर से हुई शिकायत।


उमरिया में वनभूमि पर काबिज किसानों को उनकी कब्जे की भूमि पर खेती करने से वनविभाग ने लगाई रोक,परिवार के भरणपोषण के लिए मशक्कत कर रहे आदिवासी किसान,कलेक्टरेट पंहुचकर लगाई न्याय की गोहर।




उमरिया।आदिवासी बाहुल्य जिले में वनाधिकार पट्टा योजना प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है मामले का खुलासा मंगलवार को तब हुआ जब हर सप्ताह की भांति आयोजित जनसुनवाई में जनपद पंचायत करकेली कब ग्राम बोदली से सैकड़ो आदिवासी किसान कलेक्टर की जनसुनवाई में वनाधिकार का पट्टा लेने पंहुच गए,ग्रामीणों ने बताया कि वे जिस जमीन पर वर्ष 2002 से काबिज हैं और खेती किसानों कर अपने परिवार का भरणपोषण कर रहे हैं उससे वन विभाग के रेंजर उन्हें बेदखल करने का दबाब बना रहे हैं जबकि उन्होंने वर्ष 2016 में वनाधिकार के तहत पट्टे का आवेदन किया था और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें पट्टा दिए जाने का भरोसा दिया था,ग्राम बोदली के आदिवासी किसानों को उनकी काबिज जमीन पर अब वन विभाग उन्हें खेती भी करने दे रहा है जिससे किसान अपने परिवार का भरणपोषण नही कर पा रहे हैं,वहीं जनसुनवाई में शिकायत प्राप्त होने के बाद अपर कलेक्टर शिव गोविंद सिंह मरकाम ने इस मामले में जांच उपरांत उचित कार्यवाही का भरोसा दिया है।

सुनिए क्या कहा महिला किसान ने 



वनविभाग की तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन
अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को कॉलक्ट्रेट पंहुचे किसानों ने परिसर के बाहर वनविभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वनाधिकार के तहत पट्टा दिलाये जाने की मांग की है,आदिवासियों ने आरोप लगाया कि वन महकमा उनके साथ ज्यादती कर रहा है जिससे उनके बच्चे भूखों मरने की कगार पर आ गए हैं।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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