आपसी सुलह समझौता से प्रकरणो का निराकरण में लोक अदालत की महती भूमिका-प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश
न्याय सबके के लिए की अवधारणा को साकार रूप प्रदान करना नेशनल लोक अदालत का उद्देश्य- पुलिस अधीक्षक
नेशनल लोक अदालत में मामले का होता है तत्काल निराकरण- सी ई ओ जिला पंचायत
उमारिया । ‘‘न्याय सबके लिये’’ की अवधारणा को साकार रूप प्रदान करने के लिये जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आथित्य में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु 8 खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें से 5 जिला न्यायालय उमरिया में 2 खण्डपीठ तहसील न्यायालय बीरसिंहपुर पाली एवं 1 खण्डपीठ तहसील न्यायालय मानपुर में गठित की गई। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर द्वारा मॉ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि आपसी सुलह समझौता के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में नेशनल लोक अदालत अपनी महती भूमिका अदा करता है , और पक्षकार के समय एवं पैसों की बचत होती है। वकील का खर्च बचता है। सभी को आसानी से न्याय मिल जाता है । इसमें किसी की हार एवं जीत नही होती है। नेशनल लोक अदालत के लिए 8 खंडपीठ गठित किये गए है, जिसके माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने कहा कि न्याय सबके लिए की अवधारणा को साकार रूप प्रदान करने के लिए नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। लोक अदालत के माध्यम से सभी के साथ त्वरित न्याय होता है। किसी पक्ष को सजा नही होती है ,और बातचीत के जरिये समस्या का समाधान हो जाता है ।
सी ई ओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से लोगो को सस्ता न्याय मिल रहा है। लोक अदालत में मिले न्याय की कही अपील नही होती है। पेसा अधिनियम के तहत भी गांव के प्रकरणों को गाँव मे ही सुलझाने का काम किया जा रहा है। आपने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा प्रति मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जहा जिले भर से आये आवेदकों की समस्यों को निराकरण किया जाता है ।उन्होने बताया कि 205 ग्राम पंचायतों में ई कोर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पुष्पराज सिंह एवं शंभू लाल खट्टर ने कहा कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में दीवानी, फौजदारी, क्लेम, चैक बाउंस, श्रम के साथ-साथ प्रीलिटिगेशन प्रकरण बैंक, नगर पालिका, विद्युत विभाग आदि के विचाराधीन प्रकरणों की आपसी राजीनामा (सुलह समझौते के आधार पर निराकरण होता है।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर शिव गोविन्द सिंह मरकाम,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया, जिला अधिवक्ता संघ उमरिया पुष्पराज सिंह,विशेष न्यायाधीश/तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष रामसहारे राज, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश आर0एस0 कनौजिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संगीता पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर0पी0 अहिरवार, न्यायिक दण्डाधिकारी धर्मेन्द्र खण्डायत, श्रीमती अमृता मिश्रा, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश, प्रशिक्षु न्यायाधीषगण, जिविसेप्रा के कर्मचारीगण, जिला उमरिया के समाजसेवी, जिला न्यायालय के कर्मचारीगण, पैनल अधिवक्ता/सुलहकर्ता अधिवक्ता, बैंक अधिकारीगण, एम0ए0सी0टी0 कंपनी के अधिवक्ता शंभूलाल खट्टर, लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम के कर्मचारीगण एवं पत्रकारगण उपस्थित रहे।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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