बाँधवगढ टाइगर रिसर्व में शुरू हुआ सात दिवसीय हाथी महोत्सव,स्नान,प्रिय भोजन,तेल से मालिश और विश्राम के साथ कराई जाएगी विशेष खातिरदारी,हाथियों की संतति बढ़ाने में कारगर होता है हाथी महोत्सव,देखिये हाथियों की अठखेलियों और उनकी खातिरदारी के आकर्षक नजारे।
Elephant fun festival starts in Bandhavgarh, the event will run for seven days.
उमरिया।बाँधवगढ टाइगर रिजर्व में वन्य जीव सरंक्षण में मुख्य भूमिका निभाने वाले हाथियों की विशेष खातिरदारी के लिए गुरुवार से साथ दिवसीय हाथी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है,इस दौरान बाँधवगढ के 12 हाथियों की विशेष खातिरदारी की जाती है,हाथियों को प्रातः से स्नान कराया जाता है,फिर अरंडी के तेल से मालिश,के बाद उनकी पूजा अर्चना करके उनके प्रिय भोजन गुड़,चना,गन्ना और मौसमी फल खिलाये जाते हैं,
साथ ही हाथियों का वन्य जीव विशेषज्ञ चिकित्सको से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाकर आवश्यक उपचार कराया जाता है,इस महोत्सव में आसपास के नागरिकों को भी पार्क प्रबंधन शामिल करता है ताकि लोगों को वन्य जीव प्रबंधन में हथियों के महत्व को समझाया जा सके।
सात दिन की मौज मस्ती फिर लौटेंगे काम पर
हाथी महोत्सव के बहाने ही सही लेकिन बाँधवगढ के प्रबंधन में बड़ी भूमिका निभाने वाले इन हाथियों को सात दिन मौज मस्ती करने का खूब अवसर दिया जाता है जिसके बाद हाथियों के भीतर फिर आगे एक साल और काम करने की ऊर्जा का संचार हो जाता है।
बाँधवगढ में हाथी वन्य जीव सरंक्षण में मुख्य भूमिका में रहते हैं बाघों की निगरानी से लेकर उनका रेस्क्यू करने में भी हाथियों की बड़ी भूमिका होती है ,बाँधवगढ में इन दिनों जंगली हथियों ने भी अपना डेरा जमाया हुआ है उन्हें भी नियंत्रित करने में हाथी काम आते हैं ऐसे में पार्क प्रबंधन लगातार साल भर काम मे बने रहने के कारण सात दिन का विश्राम देता है और इस बीच हथियों से कोई कार्य नही लिया जाता,और इन्हें एक साथ रखकर इनकी खातिरदारी की जाती है,पार्क प्रबंधन के मुताबिक सामाजिक प्राणी होने के कारण अपनी संतति को आगे बढ़ाने में भी यह महोत्सव अवसर प्रदान करता है।
सात दिन की मौज मस्ती फिर लौटेंगे काम पर
हाथी महोत्सव के बहाने ही सही लेकिन बाँधवगढ के प्रबंधन में बड़ी भूमिका निभाने वाले इन हाथियों को सात दिन मौज मस्ती करने का खूब अवसर दिया जाता है जिसके बाद हाथियों के भीतर फिर आगे एक साल और काम करने की ऊर्जा का संचार हो जाता है।
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