उमरिया । शिक्षा प्राप्त करने के उददेष्य से विद्यार्थी अपने परिवार को छोडकर छात्रावासों एवं आश्रमों में रहते है। इन विद्यार्थियों को घर जैसा वातावरण एवं सुविधाएं दिलाने की जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षकों की है । छात्रावास एवं आश्रमों में रहने वाले विद्यार्थियों का संर्वागीण विकास हो , इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं संचालित कर षिक्षण व्यवस्था, खेल की गतिविधियों का संचालन, पुस्तकालय एवं समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं की व्यवस्था , गुणवत्ता युक्त मीनू के अनुसार नाष्ता एवं भोजन की व्यवस्था ,आवासीय परिसर की साफ सफाई , टायलेट की साफ सफाई तथा प्रकाष की व्यवस्था व्यवस्थित तरीके से की जाएं । यह निर्देष कलेक्टर बुध्देष कुमार वैद्य ने जिले मे संचालित छात्रावास एवं आश्रमों के अधीक्षकों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए । बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इला तिवारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अखिलेष पाण्डेय उपस्थित रहे।
सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने निर्देष दिए कि छात्रावास एवं आश्रमों में स्वीकृत सीटों को भरा जाए। सीटे रिक्त नही रहना चाहिए। आपनें कहा कि इनके संचालन हेतु शासन व्दारा फर्नीचर हेतु संधारण व्यय , सांस्कृतिक गतिविधियों तथा खेल की गतिविधियों के लिए राषि प्रदाय की जाती है । इस राषि का उचित एवं मितव्ययता के साथ उपयोग किया जाए। छात्रावासों एवं आश्रमों में मां की बगिया कार्यक्रम के तहत फल फूल एवं सब्जी का उत्पादन भी किया जा सकता है। इसके साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर कैलेण्डर भी बनाया जाए।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अखिलेष पाण्डेय ने कहा कि सभी अधीक्षक छात्रावास एवं आश्रमों मंे ही अपना निवास बनाएं । सभी छात्रावास एवं आश्रमों की साफ सफाई तथा रंगाई पुताई आदि का कार्य कर लिया जाए। इसके अतिरिक्त जहां भी आवष्यकता होगी वहां अतिरिक्त कार्यो के लिए भी राषि की उपलब्धता के अनुसार कार्य मंजूर किए जाएंगे। आपने कहा कि आकस्मिक निरीक्षण में छात्रावास आश्रम में संचालन में कमीं पाए जाने पर संबंधित के विरूध्द सख्त कार्यवाही की जाएगी ।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
0 टिप्पणियाँ