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बाघ के हमले से चरवाहे की मौत,मझखेता में फिर दिखा बाघ का तांडव,घंटो मृतक का शव लेकर घूमता रहा बाघ।



बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बार फिर दिखा बाघ का तांडव,चरवाहे को मौत के घाट उतारने के बाद घंटो शव को लेकर जंगल में घूमता रहा बाघ,पार्क प्रबंधन की नाकामी उजागर,टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र अंतर्गत मझखेता ग्राम के समीप के जंगल की घटना।


उमरिया के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बार बाघ का तांडव देखने को मिला है घटना टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मझखेता के समीप लगे जंगल मजहारि हार की है जहां मवेशी चराने गए चरवाहे प्रेम सिंह पिता बाबूलाल सिंह उम्र 65 वर्ष को बाघ ने हमला कर पहले मौत के घाट उतार दिया फिर उसका शव लेकर घंटो जंगल में घूमता रहा ग्रामीणों को जब इसकी सूचना मिली तब वे जंगल की ओर दौड़े लेकिन बाघ की दहशत के कारण कोई भी बाघ और शव के समीप नहीं जा पा रहा था,घंटो मशक्कत के बाद जब बाघ ने मृतक चरवाहे के शव को छोड़ा तब जाकर ग्रामीणों को मृतक का शव मिला और उसके बाद मृतक का शव लेकर लेकर ग्रामीण जंगल के बाहर मैदान की ओर पहुंचे, घटना की जानकारी के बाद से गांव में अफरा- तफरी का माहौल हो गया है और पूरे इलाके में दहशत बनी हुई है ।

पार्क प्रबंधन की नाकामी उजागर

 इस पूरे मामले में पार्क प्रबंधन की एक बड़ी नाकामी उजागर हुई है मझखेता एवं आसपास के इलाकों में बीते छह माह से बाघों का आतंक फैला हुआ है और लगातार बाग के हमले से आधा दर्जन ग्रामीणों की 

मौत हो चुकी हैं बावजूद इसके पर प्रबंधन कोई ठोस उपाय करने की बजाय गहरी निद्रा में सोता हुआ नजर आ रहा है पार्क प्रबंधन की नाकामी का ही उदाहरण है कि यहां बाघ के हमले से अब तक आधा दर्जन मौतें हो चुकी हैं,और बाघ की दहशत से लोगों को ग्रामीणों को निजात दिलाने के कोई ठोस उपाय प्रबंधन के द्वारा नहीं किया जा सके हैं।


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