उमरिया।जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार बाइसन गणना का काम शुरू किया गया है,गणना का काम तीन चरणों में कराया जाएगा जिसके लिए टाइगर रिजर्व के जमीनी अमले से इलाके विशेषज्ञों तक की तैनाती की गई है,बता दें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से विलुप्त हो चुकी इस प्रजाति को वर्ष 2012 में एक प्रोजेक्ट के तहत कान्हा से 49 बाइसन लाकर बसाया गया था अनुमान है की 10 वर्षो के बाद इनकी संख्या 200 के पार जायेगी।
सतपुड़ा से आयेंगे 50 और बाइसन
बांधवगढ़ में बाइसन गणना के बाद प्रोजेक्ट की सफलता को लेकर प्रबंधन अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और जिसके बाद बांधवगढ़ में बाइसन प्रोजेक्ट को बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा,प्रबंधन का दावा है की अनुकूल रिपोर्ट आने पर अगली कड़ी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 50 और बाइसन लाकर बांधवगढ़ में शिफ्ट किए जायेंगे जिसके यहां के जीनपूल और जैव विविधता में वृद्धि की जा सके।
बाइसन बनेंगे पर्यटन की पहचान
बांधवगढ़ की पहचाना बाघों की सघन आबादी के रूप में विश्वविख्यात है,प्रबंधन बाइसन को भी यहां की पहचाना बनाना चाहता है देखना होगा 10 साल चले बाइसन प्रोजेक्ट का गणना के नतीजों के बाद बांधवगढ़ की जैव विविधता में क्या बदलाव दिखाई देता है।
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