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जानिए उमरिया जिले में वन गमन के समय कहां कहां से गुजरे थे प्रभु श्री राम सीता और लक्ष्मण।



एमपी में राम वन गमन पथ कार्ययोजना की शुरुआत के साथ ही उमरिया जिले में सक्रिय हुआ प्रशासन,जिले में तीन प्रमुख स्थानों मारकंडेय आश्रम,बांधवगढ़ और दशरथ घट से होकर गुजरे थे प्रभु श्री राम,जिला प्रशासन ने तीनों स्थलों के कायाकल्प करने की शुरुआत की।


उमरिया। 22 जनवरी को भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के निर्मित भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी,जिसको लेकर पूरे देश में भगवान राम से जुड़े स्थलों,मंदिरों को नया स्वरूप प्रदान करने का काम किया जा रहा है,इसी कड़ी में उमरिया जिले में भी प्रशासन सक्रिय हुआ है और भगवान राम वन गमन के समय जिले में जहां जहां से होकर गुजरे थे उनके कायाकल्प और विकास के काम शुरू किए गए हैं,बता दें भगवान राम वन गमन के समय चित्रकूट सतना होते हुए उमरिया जिले में सबसे पहले सोन नदी के तट पर स्थित मारकंडेय आश्रम पहुंचे थे जिसके बाद भगवान राम बांधवगढ़ पहुंचे और रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन प्रातः जिले की प्रसिद्ध सोन एवं जोहिला नदी के संगम स्थल दशरथ घाट पहुंचे ।



यहां प्रभु राम ने पिता दशरथ का किया था तर्पण।

भगवान राम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ दशरथ घाट में अपने पिता का तर्पण किया और वहां से नदी पार कर शहडोल जिले के जयसिंहनगर की ओर रवाना हो गए,और वहां से छत्तीसगढ़ होते हुए नासिक पंहुचे थे,मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा राम वन गमन पथ की कार्ययोजना बनाने के लिए की गई चित्रकूट में बैठक के बाद जिला प्रशासन ने भी जिले के तीनों स्थलों के विकास के प्रयास शुरू किए हैं,


विकास से अछूते रहे तीनों धार्मिक स्थल

उमरिया जिले के भगवान राम के जीवन से जुड़े इन तीनों स्थलों में आम जनता की आस्था तो सदियों से जुड़ी रही है मारकंडेय आश्रम और दशरथ घाट में मकर संक्रांति में मेले का आयोजन किया जाता रहा है वहीं बांधवगढ़ के भगवान बंधावाधीश रामजनकी मंदिर में सालाना जन्माष्टमी के मौके पर सार्वजनिक मेले का भी आयोजन होता रहा है,लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये तीनों महत्वपूर्ण स्थल विकास से अछूते रहे हैं यहां तक की दशरथ घाट पंहुचने के लिए लोगों को केल्हारी मुख्य मार्ग से लगभग दो किमी पगडंडियों में पैदल सफर करना पड़ता है,लेकिन सूबे के मुखिया के द्वारा शुरू किए गए अभियान से निश्चित तौर उमरिया जिले की जनता को भी प्रभु श्री राम के जीवन चरित्र को और बारीकी से जानने का अवसर मिलेगा।

(ब्यूरो रिपोर्ट)

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