उमरिया । दिल्ली के भारत मंडपम से प्रधानमंत्री जी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का उमरिया जिले में भी सीधा प्रसारण देखा एवं सुना गया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश केे छात्रों से परीक्षा से पहले चर्चा की। उन्होंने पीएम ने तनाव के कारण, उससे जुड़े विषयों और उसे दूर करने के लिए स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स की सहभागिता पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर जिला मुख्या लय के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, कन्या विद्यालय, कालरी विद्यालय सहित अन्य विद्यालयो मे कार्यक्रम को देखने एवं सुनने की व्यवस्था की गई थी। शासकीय सज्जन उत्कृष्ट विद्यालय मे आयोजित कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह गौर सहित स्कूली बच्चे, शिक्षक , शिक्षिकाएं उपस्थित रहे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टूडेंट्स के सवालों के बहुत ही सहज और सरल तरीके से जवाब दिए। स्टूडेंट्स का मुख्य फोकस परीक्षा के दौरान होने वाला तनाव था, साथ ही उनकी चिंता थी कि कैसे तनाव दूर करने के लिए सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए। पीएम ने इसके लिए टीचर्स को बहुत जरुरी सलाह दी। उन्होंने कुछ सवालों के उत्तर में टीचर्स से कहा कि आपका स्टूडेंट्स के साथ रिश्ता पूरे वर्ष रहेगा तो परीक्षा के समय तनाव नहीं रहेगा, टीचर का काम जॉब करना नहीं जिंदगी बदलना है, स्टूडेंट की जिंदगी की संवारना हैं उसे सामर्थ्यवान बनाना है।
उन्होने कहा कि मेरी प्रकृति है कि मैं हर चुनौती को चुनौती देता हूं ,इसके कारण हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है । आज के युग में टेक्नोलाजी के कारण लिखने की आदत कम हो गई है इसलिए आवश्यक है कि छात्र खुद अपनी नोटबुक में कुछ न कुछ लिखे। किसी भी हालत में निर्णायक नही बनें, और एक बार निर्णायक बनने की आदत लग जाती है तो कन्फ्यूजन नही रहता। उन्होने अभिभावको से आग्रह किया कि बच्चो के बीच कभी प्रतिस्पर्ध्दा के बीज न बोए। दबाव पर हमें अपने तरीके से जीत हासिल करनी है , इस बात का संकल्प करें ।
उन्होने कहा कि अगर जीवन मे चुनौती और स्पर्ध्दा न हो तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाता है , इसलिए कंपटीषन तो होनी चाहिए लेकिन हेल्थी कंपटीषन होना चाहिए । परीक्षा के तनाव को विद्यार्थियो के साथ साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए । हमे किसी भी प्रकार के प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सम्थंर्यवान बनाना होगा ।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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