उमरिया में स्वरचित कविता के माध्यम से कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने स्कूली छात्राओं को समझाया प्रकृति पर्यावरण का महत्व,बांधवगढ़ स्थित कस्तूरबा बालिका छात्रावास का औचक निरीक्षण करने पन्हुचे थे कलेक्टर,छात्राओं की लगाई क्लास,लिया सुविधाओ का जायजा।
पढ़िए कलेक्टर की अलविदा शीर्षक के नाम की कविता-
तुम देखभाल करना
ठीक तरह से
शेष रह गई धरती की
और अन्न जल ताप वायु सब
जैसे मुझे दी गई थी विरासत,
तुम बचाकर रखना
जुगुनुओं के डेरे घोंसले परिंदो के
तितिलियों के बाग-बगीचे
और जगह आदमी की,
तुम याद रखना
किस्से दादी नानी वाले बोल मीठे लोरियों के
कुछ राग बसंत गीतों के
और अपनी पहचान
तुम भूलना मत कभी
मिट्टी की सोंधी महक
पसीने की एक एक बूंद का
मूल्य चुका देना,
जब फसल खेत में पके
तो इतने दाने छोड़ आना
कि चिड़िया भरपेट चुग सके
और अंजुरी भर लाना
ग्राम देवता के लिए भी
तुम सदैव
कृतज्ञता का भाव रखना
उन सभी सखा बंधु बांधवों के लिए
जो एक क्षण भी कभी तुम्हारे
सुख दुख के सहभागी हुए हों
और रहना उनके आसपास
तुम सावधान रहना
हर जगह होती हैं सरहदें
कभी झुकना भी संबंधों में
और अगर श्रद्धा का भाव हो
और लड़ना भी कभी
अदमियत को बचाने के लिए
-बुद्धेश कुमार वैद्य(आईएएस)
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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