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स्वरचित कविता सुनाकर कलेक्टर ने स्कूली छात्राओं को बताया प्रकृति पर्यावरण के सरंक्षण का महत्व,पढ़िए कलेक्टर की कविता।

 



उमरिया में स्वरचित कविता के माध्यम से कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने स्कूली छात्राओं को समझाया प्रकृति पर्यावरण का महत्व,बांधवगढ़ स्थित कस्तूरबा बालिका छात्रावास का औचक निरीक्षण करने पन्हुचे थे कलेक्टर,छात्राओं की लगाई क्लास,लिया सुविधाओ का जायजा।



उमरिया में जिला कलेक्टर ने छात्रावास के औचक निरीक्षण के दौरान स्कूली छात्राओं को अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से प्रकृति पर्यावरण और प्रकृति के साथ सैकड़ो हजारों वर्षों से चले आ रहे नैसर्गिक सह अस्तित्व के महत्व को समझाया है,मामला जिले के बांधवगढ़ स्थित कस्तूरबा बालिका छात्रावास का है जहां मंगलवार को जिले के कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने औचक निरीक्षण किया और सुविधाओ का जायजा लिया इस दौरान कलेक्टर ने सभी छात्राओं का शिक्षक बनकर क्लास ली और उनकी पढ़ाई लिखाई और फ्यूचर कैरियर के बारे में जानकारी हासिल की,कलेक्टर ने इस दौरान अपनी स्वरचित कविताओं के माध्यम से प्रकृति पर्यावरण और उसके सरंक्षण के महत्व को बताया,निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने छात्रावास में मौजूद सुविधाओ का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए हैं इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री मति इला तिवारी,डीपीसी सुशील मिश्रा,सहायक आयुक्त अखिलेश पांडेय,उपसंचालक पशु चिकित्सा केके पांडेय सहित जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।


पढ़िए कलेक्टर की अलविदा शीर्षक के नाम की कविता-


तुम देखभाल करना

ठीक तरह से 

शेष रह गई धरती की

और अन्न जल ताप वायु सब

जैसे मुझे दी गई थी विरासत,


तुम बचाकर रखना

जुगुनुओं के डेरे घोंसले परिंदो के

तितिलियों के बाग-बगीचे 

और जगह आदमी की,


तुम याद रखना 

किस्से दादी नानी वाले बोल मीठे लोरियों के

कुछ राग बसंत गीतों के 

और अपनी पहचान


तुम भूलना मत कभी

मिट्टी की सोंधी महक

पसीने की एक एक बूंद का

मूल्य चुका देना,

जब फसल खेत में पके 

तो इतने दाने छोड़ आना

कि चिड़िया भरपेट चुग सके 

और अंजुरी भर लाना

ग्राम देवता के लिए भी


तुम सदैव 

कृतज्ञता का भाव रखना

उन सभी सखा बंधु बांधवों के लिए 

जो एक क्षण भी कभी तुम्हारे

सुख दुख के सहभागी हुए हों

और रहना उनके आसपास


तुम सावधान रहना

हर जगह होती हैं सरहदें

कभी झुकना भी संबंधों में

और अगर श्रद्धा का भाव हो 

और लड़ना भी कभी

अदमियत को बचाने के लिए

  -बुद्धेश कुमार वैद्य(आईएएस)

(ब्यूरो रिपोर्ट)


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