बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 800 अधिकारी कर्मचारियों के साथ सुरक्षा श्रमिक कर रहे नियमित गश्त,बिगड़े वनों के सुधार और कोर एवं बफर क्षेत्र के जंगल को अतिक्रमण मुक्त बनाने का उद्देश्य।
उमरिया जिले में विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मानसून गस्ती की जा रही है,बारिश के मौसम में जब पार्क के कोर और बफर क्षेत्र में पर्यटन बंद होता है तब पार्क के क्षेत्र संचालक सहित तकरीबन 800 कर्मचारियों अधिकारियों एवं सुरक्षा श्रमिको का पूरा स्टाफ नियमित गश्त कर जंगल की रखवाली करता है,इस दौरान बिगड़े वनों के सुधार और पर्यटन मार्गो को चिन्हित कर पर्यटन सत्र पूर्व उनकी मरम्मत का कार्य किया जाता है साथ जंगलों की जैव विविधता का अध्ययन कर आवश्यक सुधार के प्रयास किए जाते हैं,बता दें 1586 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले इस टाइगर रिजर्व में पांच कोर एवं तीन बफर परिक्षेत्र हैं, एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बड़ा योगदान रहा है,वर्ष 2022 की गणना में यहां 165 से ज्यादा बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं,इसके अलावा चीतल सांभर बारह सिंघा नीलगाय और जंगली हाथी यहां के जंगलों में पाए जाने वाले मुख्य जीव हैं।
ग्रामीण सहित स्वयंसेवी एवं मीडियाकर्मी भी ले रहे हिस्सा।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की मानसून गश्ती में नागरिक समाज स्वयं की रुचि से शामिल हो रहा है,प्रकृति पर्यावरण और जैव विविधता की जानकारी की चाहत और नैसर्गिक सौंदर्य को देखने की चाहत रखने वाले लोग प्रातः छह बजे से उपस्थित होकर मानसून गश्त में हिस्सा ले रहे हैं,मानपुर बफर क्षेत्र के परिक्षेत्राधिकारी मुकेश अहिरवार ने बताया है की नियमित गश्त में आसपास के ग्रामीणों के अलावा,पर्यावरण प्रेमी और मीडियाकर्मी भी हिस्सा ले रहे हैं।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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