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संपदा 2.0 के तहत शहडोल संभाग की पहली रजिस्ट्री उमरिया पंजीयक कार्यालय में संपन्न हुई।



उमरिया।प्रदेश सरकार व्दारा पंजीयन विभाग को कैशलेस, पेपरलेस तथा फेसलेस बनानें की शुरूआत संपदा 2.0 के माध्य्ाम से शुरू की गई है । शहडोल संभाग में पहली रजिस्ट्री  कराने की शुरूआत जिला पंजीयन कार्यालय उमरिया व्दारा की गई है । यह सौभाग्य उमरिया जिले के चंदिया निवासी क्रेता राकेश कुमार सोनी को प्राप्त हुआ है । पहले विक्रेता चंदिया निवासी संजय तिवारी बनें है । संपदा 2.0 के तहत की जाने वाली रजिस्ट्री  कैसलेश, पेपरलेश तथा फेसलेश है । इस प्रक्रिया में क्रेता एवं विक्रेता को अपने राजस्व अभिलेख की पुष्टि के लिए राजस्व कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता को समाप्ति कर दिया गया है। व्यक्ति की पहचान को सहज एवं सरल बनाया गया है । क्रेता एवं विक्रेता एवं गवाह आधार नंबर से अपनी पहचान बना सकेगे । इसके लिए आधार नंबर तथा एनड्रायड फोन की ही आवश्यकता होगी । संपदा 2.0 एप डाउनलोड करने के बाद क्रेता एवं विक्रेता को पंजीयन कराना होगा । अपने प्रापर्टी की पहचान के लिए जिस जमीन का क्रय विक्रय किया जा रहा है के आक्षांश एवं देशांतर स्थिति को फोटो के साथ अपलोड करना होगा । फोटो अपलोड होने के पश्चात उनके प्रापर्टी की पहचान जीआईएस टैगिंग से साप्टवेयर कर लेता है तत्पश्चात ओटीपी संबंधित क्रेता, विक्रेता के पास जाती है तथा रजिस्ट्रीे के लिए रजिस्ट्रार आफिस से समय तय हो जाता है । यह प्रक्रिया आनलाइन या क्रेता, विक्रेता के चाहे जाने पर रजिस्ट्रार कार्यालय से भी संपन्न कराई जा सकती है।



सहायक पंजीयक जिला पंजीयन कार्यालय उमरिया आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार की यह अभिनव पहल है । यह पहल एक दम पारदर्शी तथा त्रुटिरहित है । इस प्रक्रिया से खरीद एवं विक्रय करने वाले व्यक्तियों के साथ धोखाधडी की संभावनाएं समाप्त हो चुकी है । पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप से संपन्न होती है । प्रक्रिया पूरी करते ही क्रेता, विक्रेता को रजिस्ट्री  की कापी वाटसअप या ईमेल पर प्राप्त हो जाती है। उनके व्दारा ओके करने पर अंतिम रूप से रजिस्ट्री  स्वीकार हो जाती है। आपने यह भी बताया कि पहली रजिस्ट्री संपन्न कराने में चंदिया निवासी सेवा प्रदाता मनु अग्रवाल की प्रमुख भूमिका रही। 

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