जिले में निर्माण एजेंसी पीआईयू विभाग का अनोखा कारनामा,तीन पूर्व तीन करोड़ की लागत से निर्मित अनुसूचित जाति छात्रावास करकेली तीन माह में हुआ जर्जर,50 सीटर बालिका छात्रावास की टाइल्स उखड़ी,तकनीकी अनियमितता से हॉस्टल के आंगन में होता है जलभराव,किचन सहित कमरों में नल कनेक्शन देकर पानी की निकासी के लिए नाली देना भूले अफसर,बाउंड्री बाल अधूरी बनाने से भय के साए में छात्राएं,जानकारी के बाद कलेक्टर ने जिम्मेदार विभाग के अफसर को थमाया नोटिस,तीन दिन में मांगा जवाब,कार्यवाही की चेतावनी,एसडीओ के ऊपर गिर सकती है निलंबन की गाज।
उमरिया।जिले में सरकारी राशि के दुरुपयोग का अनोखा मामला सामने आया है जहां तीन करोड़ की लागत से अनुसूचित जाति वर्ग की छात्राओं के लिए बनाया गया छात्रावास तीन माह में ही जर्जर हो गया है,आलम यह है कि दीवालों और छत में में दरारें आ चुकी है,छात्रावास के आंगन और किचन की टाइल्स उखड़ चुकी हैं,निर्माण एजेंसी ने निर्माण कार्य में इतना घटियापन दिखाया कि सरकारी राशि हजम करने के चक्कर में छात्राओं की सुविधाओं के लिए बनाए गए नलों में किचन और बाथरूम के पानी की निकासी के लिए नाली देना ही भूल गए अब आलम यह है कि निस्तार का पूरा पानी छात्रावास के आंगन में एकत्रित होता है जिसे छात्राएं मशक्कत के बाद बाल्टी में भरकर बाहर फेंकती हैं,दूसरी ओर विभाग द्वारा छात्राओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई बाउंड्री वाल में भी जमकर अनियमितता की है दीवाल ऊपर तो बना दी लेकिन नीचे की जगह खाली छोड़ दी जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति का जानवर परिसर में प्रवेश कर सकता है इसको लेकर छात्राएं हमेशा डर के साए में जीने को मजबूर हैं,छात्रावास में रह रही छात्रा सोमलता सिंह (छात्रा),संध्या सिंह (छात्रा) एवं प्रिया सिंह (छात्रा) ने बताया है कि इस संबंध में उन्होंने कई बार वार्डन से शिकायत दर्ज कराई है।
कलेक्टर ने थमाया शोकाज नोटिस
जिले के करकेली जनपद अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग की छात्राओं की सुविधा के लिए जनजातीय कार्य विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी पीआईयू के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया के तहत तीन करोड़ रुपए की राशि से पचास सीटर कन्या छात्रावास के निर्माण कराया गया,छात्रावास को इसी सत्र में शुरू किया गया लेकिन तीन माह बाद ही निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही की कलई खुलकर सामने आ गई है,जी मीडिया की पड़ताल के बाद जिले के अधिकारी भी हैरान है,जिले के कलेक्टर ने निर्माण एजेंसी को शो काज नोटिस भेजकर तीन दिनों में जवाब मांगा है और जिम्मेदारों पर कार्यवाही का भरोसा दिया है।
पीआईयू के एसडीओ की मिलीभगत उजागर
सरकारी भवनों के निर्माण का जिम्मा उठाने वाले पीआईयू विभाग की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है,इसके पूर्व आदिवासी कन्या परिसर उमरिया और पाली के निर्माण में भी विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार ने सरकारी राशि की जमकर होली खेली थी,देखना होगा कलेक्टर की नोटिस के बाद निर्माण एजेंसी छात्राओं को दी जाने वाली सुविधाओं को कब तक बहाल करती है इस मामले में सबसे खास पहलू यह है कि पूरे निर्माण कार्य में पीआईयू विभाग के एसडीओ की भूमिका संदेह के घेरे में है,आंतरिक सूत्र बताते हैं कि मामले की जांच होने पर SDO के ऊपर प्रशासन सख्त कार्यवाही कर सकता है।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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