जब बाइक नहीं थी… तो चोरी कर ली!
दिन था 11 अप्रैल… रात करीब 9:30 बजे। सौरभ दास अपने दोस्त से मिलने शनि चौक पहुंचा। आदतन अपनी हीरो पैशन प्रो बाइक को घर के बाहर खड़ा किया और अंदर चला गया। लेकिन जब करीब 11 बजे वापस निकला, तो बाइक गायब थी।
पल भर में सबकुछ थम गया… और शुरू हो गई एक नई तलाश।
पुलिस की एंट्री – और प्लान एक्सपोज
मामला थाना माधवनगर पहुंचा। इंस्पेक्टर अभिषेक चौबे की टीम ने CCTV खंगाले, मुखबिर सक्रिय किए और सुरागों को जोड़ते हुए कटनी से सीधे उमरिया पहुंची।
वहीं से कहानी ने मोड़ लिया…
कहानी के पीछे की कहानी
पकड़े गए आरोपी – भूपेन्द्र सिंह और निरंजन सिंह – उमरिया के मजदूर थे। कुछ दिनों से कटनी की दाल मिल में काम कर रहे थे। काम खत्म हुआ, अब घर लौटना था।
पर जेब खाली थी…
ट्रेन का किराया नहीं, बाइक खरीदने का सवाल ही नहीं। तभी आया एक खतरनाक ख्याल — "क्यों न बाइक ही चुरा ली जाए?"
प्लान बना, बाइक उठाई, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। बाइक रास्ते में खराब हो गई। डर के मारे दोनों जंगल में बाइक छोड़ भाग निकले।
क्राइम हमेशा पीछे छूटता है… सबूत नहीं!
कटनी पुलिस ने दोनों को उमरिया से पकड़ा, पूछताछ की और बाइक बरामद कर ली।
सिर्फ एक सवाल...
क्या एक घर जाने की ज़रूरत किसी को चोर बना सकती है?
या यह सिर्फ बहाना था उस लालच का, जो मेहनत से ज्यादा शॉर्टकट में भरोसा करता है?
कटनी पुलिस ने न सिर्फ बाइक वापस दिलाई, बल्कि एक बार फिर ये साबित किया —
अपराध कोई भी हो, पुलिस की नज़र से बचना नामुमकिन है।
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