- निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा,
- गणवेश,पाठ्यक्रम और प्रवेश शुल्क के नाम पर खुलेआम लूट।
- सभी विद्यालयों में NCERT पाठ्यक्रम लागू करने की मांग।
उमरिया।जिले में निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अब अभिभावक संघ लामबंद हो गया है,शनिवार को स्थानीय रेस्ट हाउस में सैकड़ों की संख्या में स्कूली छात्रों के अभिभावकों ने बैठक कर मनमानी के विरोध में मोर्चा खोलने और सड़क में उतरकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है,बता दें सुप्रीम कोर्ट एवं केंद्र सरकार द्वारा स्कूली छात्रों के अभिभावकों को फीस एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में लगने वाली भारी भरकम फीस को नियंत्रित करने एवं गरीब एवं माध्यम वर्ग के लोगों को निजी विद्यालयों की मनमानी से बचाने देश भर में नवीन शिक्षा पद्धति NCERT लागू कर दी है,बावजूद इसके निजी विद्यालयों द्वारा न्यायालय एवं सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए जबरिया खुद का शासन चलाया जा रहा है और अभिभावकों से खुलेआम लूट की जा रही है,निजी विद्यालयों के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के नाम पर ट्यूशन फीस,गणवेश और पाठ्यक्रम के नाम पर खुलेआम अभिभावकों की जेब काटी जा रही है।
- निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा,
- गणवेश,पाठ्यक्रम और प्रवेश शुल्क के नाम पर खुलेआम लूट।
- सभी विद्यालयों में NCERT पाठ्यक्रम लागू करने की मांग।
अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा
शनिवार को आयोजित संघ की बैठक में अभिभावकों ने एक मत होकर तय किया है कि किस प्रकार से एक आम आदमी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए कड़ी मशक्कत करता है और निजी स्कूलों द्वारा इसी मजबूरी का फायदा उठाते हुए कमर तोड़ फीस का बोझ लाद रहा है,अब वह अपनी जमा पूंजी और कमाई का आधे से अधिक हिस्सा निजी स्कूलों को दे रहा है,जिला अभिभावक संघ के ताजेन्द्र सिंह,अभिषेक तिवारी सहित अन्य अभिभावकों ने आज एक बैठक का आयोजन कर निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से एक ही स्कूल में पहली कक्षा पास करने के बाद बच्चा जब दूसरी कक्षा में जाता है तो उससे नया एडमीशन के नाम पर मोटी रकम ऐठी जा रही है,इसके अलावा कई निजी स्कूल हर वर्ष ड्रेस कोड नया लागू करते हैं, इनकी किताबों का पूरा सिलेबस पूरे साल भर में पूरा नहीं हो पाता है। इसी तरह की कई बातों को लेकर जिला अभिभावक संघ ने कहा है कि गत दिवस कलेक्टर महोदय को एक ज्ञापन देकर निजी स्कूलों पर कड़ाई से नियमों का पालन करायें जाने पर जोर दें।अगर ज्ञापन पर कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई तो ज्ञापन के 15 दिवस के बाद आमरण अनशन व भूख हड़ताल की जायेगी।
- निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा,
- गणवेश,पाठ्यक्रम और प्रवेश शुल्क के नाम पर खुलेआम लूट।
- सभी विद्यालयों में NCERT पाठ्यक्रम लागू करने की मांग।
जेब काटने का गणित समझे।
निजी विद्यालयों द्वारा स्कूली छात्रों से प्रतिवर्ष नए सत्र की प्रवेश शुल्क प्रति कक्षा जमा कराई जाती है जो नियम विरुद्ध है,जबकि एक बार छात्रा विद्यालय में नामांकित(इनरोल)होने के बाद जब तक छात्र विद्यालय में अध्ययन करेगा जिस कक्षा तक करेगा उसी नामांकन क्रमांक के आधार पर करेगा छात्र से अगली कक्षा में दोबारा प्रवेश शुल्क लेना गैरकानूनी है,दूसरी बात निजी विद्यालय खासकर जो अपने को नामचीन मानते हैं के द्वारा प्रतिवर्ष अपने विद्यालय की हर कक्षा का सिलेबस (पाठ्यक्रम)बदल दिया जाता है जिसका आशय यह होता है कि एक छात्र अपनी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अगली कक्षा की पुस्तके विद्यालय में अध्ययनरत उसी कक्षा के छात्र से ले न ले,इसका मतलब यह हुआ है कि निजी विद्यालय खुद की पुस्तके प्रतिवर्ष प्रकाशित करते हैं और छात्रों को नई पुस्तके खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है,निजी विद्यालय संचालक स्कूल फीस से कमाई कर रहे हैं पुस्तकों से भी अच्छी मोटी रकम छात्रों और उसके अभिवावकों से ऐंठ रहे हैं।
- निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा,
- गणवेश,पाठ्यक्रम और प्रवेश शुल्क के नाम पर खुलेआम लूट।
- सभी विद्यालयों में NCERT पाठ्यक्रम लागू करने की मांग।
गणवेश में कमीशनखोरी।
जिले में संचालित नामचीन विद्यालयों की पुस्तके और गणवेश मुख्यालय की चिन्हित दुकानों में ही मिलेंगे,यहां तक विद्यालयों ने गणवेश का ठेका भी दे रखा है जिसके मोटा कमीशन लेकर गणवेश बनाने और बेचे जाने का गोरखधंधा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से वसूला जा रहा है।
- निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा,
- गणवेश,पाठ्यक्रम और प्रवेश शुल्क के नाम पर खुलेआम लूट।
- सभी विद्यालयों में NCERT पाठ्यक्रम लागू करने की मांग।
सेवा छोड़ कमाई की ओर संचालकों का रुख
विद्यालय में छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के इतर अब निजी विद्यालयों के संचालकों का रुख पूंजी से पूंजी कमाना मात्र रह गया है,गुणवत्तायुक्त शिक्षा के नाम पर पूंजीपति विद्यालय संचालक अभिवावकों से इमोशनल कार्ड खेलकर उनकी जमापूंजी घुन की तरह चाट रहा है,और सुप्रीम कोर्ट और मोदी सरकार के सारे सख्त कायदे कानून निजी विद्यालयों के संचालकों की मनमानी के आगे बौने साबित हो रहे हैं।
- निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में अभिभावक संघ ने खोला मोर्चा,
- गणवेश,पाठ्यक्रम और प्रवेश शुल्क के नाम पर खुलेआम लूट।
- सभी विद्यालयों में NCERT पाठ्यक्रम लागू करने की मांग।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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